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रविवार, 16 दिसंबर 2018

भारत-रूस के वायुसैनिकों ने मिलकर दिखाई ताकत, दुश्मन देश रह गए दंग

भारत-रूस के वायुसैनिकों ने मिलकर दिखाई ताकत, दुश्मन देश रह गए दंग

जैसलमेर. भारत- रूस की एयरफोर्स का जोधपुर एयर बेस पर संयुक्त युद्धाभ्यास 'अविंद्रा 2018' अब पूरी तरह चरम पर हैं. संयुक्त युद्धाभ्यास ने वायुसैनिक युद्धकौशल का अद्भुत परिचय दे रहे हैं.

दोनों देशों के वायुसैनिकों ने लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर में एक साथ उड़ान भरते हुए. साथ ही जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेन्ज में अचूक निशाने साधे और भारतीय वायुसेना के गरूड कमाण्डों ने भी अपने ऑपरेशन क्रियाकलापों का जबरदस्त प्रदर्शन किया. दक्षिणी पश्चिमी कमान के कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल एच.एस.अरोड़ा ने जैसलमेर और जोधपुर एयरबेस का दौरा कर इस संयुक्त एक्सरसाईज का जायजा लिया.


वहीं दोनो देशों के वायुसैनिक और अधिकारियों से मिलकर उनकी हौसला अफजाई की. अधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पश्चिमी सीमा के निकट भारत व रूस की वायुसैनिकों का चल रही संयुक्त एक्सरसाइज अविन्द्रा के तहत 30 लड़ाकू विमान में व्यापक रूप से दोनों एयरफोर्स के जांबाज अपने-अपने हुनर से एक-दूसरे को अवगत करवा रहे है.


जैसलमेर में इस एक्सरसाइज के तहत लड़ाकू विमानों और लड़ाकू हेलिकॉप्टरों के साथ माल वाहक जहाजों की गतिविधियों में भारी उछाल देखा जा रहा है. इस एक्सरसाइज के तहत भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 विमानों में भारतीय वायुसेना के पायलट और को-पायलट के रूप में रूसी वायुसेना के पायलटों ने जोधपुर व जैसलमेर एयरबेस से उड़ान भरकर अपने बोम्बिंग मिशन पर है. इसके तहत जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेन्ज के चांधण क्षेत्र में काल्पनिक ठिकानों पर अचूक निशाने साधे. पिछले दो दिनों से पोकरण रेन्ज इन लड़ाकू विमानों की ओर से बम बरसाए जा रहे, रॉकेट और छोटी मिसाइलों से थर्रा रही है.

शुक्रवार, 9 नवंबर 2018

M-777 और K-9 वज्र तोप बढ़ायेंगी भारतीय सेना की ताकत, बेड़े में होंगी शामिल


M-777 और K-9 वज्र तोप बढ़ायेंगी भारतीय सेना की ताकत, बेड़े में होंगी शामिल
Representational Image

नई दिल्ली: भारतीय सेना ताकत में किसी से कम नहीं है और ये सेना ने कई बार प्रदर्शित भी किया है। अब भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा होने जा रहा है। सेना के बेड़े में एम-777 अल्ट्रालाइट होवित्जर तोप और K-9 वज्र तोप शामिल होने जा रही हैं। 9 नवंबर को महाराष्ट्र के देवलाली में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत इन तोपों को आधिकारिक तौर पर सेना में शामिल करेंगे।

इनके शामिल होने से भारतीय सेना की क्षमता बढ़ेगी। कहा जा रहा है कि पहले इन तोपों को पहले ही भारतीय सेना के बेड़े में शामिल किया जाना था। कुछ तकनीकी वजहों से इन्हें अब सेना को दिया जा रहा है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक K-9 वज्र को साउथ कोरिया की कंपनी हनवहा टेक विन ने मेक इन इंडिया के तहत तैयार किया है।

साल 2020 तक 100 K-9 वज्र तोप भारतीय सेना के पास होंगी। इस प्रोजेक्ट के तहत सेना को 10 तैयार तोपें मिलेंगी, जबकि 90 का निर्माण मेक इन इंडिया के तहत होगा।बताया जाता है कि K-9 वज्र तोप 39 किमी तक अचूक निशाना लगाकर दुश्‍मन को मिटाने की क्षमता रखती है, यह तोप दिन और रात में कभी भी फायर करने में सक्षम बताई जाती है।


K-9 वज्र तोप तीन सेकेंड में तीन गोले दागने में सक्षम है। यह बख्तरबंद तोप 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से दौड़ सकती है और ये तोप रेगिस्तानी इलाकों में भी चलने में सक्षम बताई जा रही है।


वहीं भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजीमेंट में वर्ष 2021 तक करीब 145 M-777 तोपें शामिल होंगी। इसका वजन मात्र 4.2 टन है। यह तोप 31 किमी तक एक मिनट में चार राउंड फायर कर सकती है और इसका गोला 45 किलो का बताया जाता है।

कहा जा रहा है कि इनको भारत-पाकिस्तान और चीन की सरहद पर तैनात किया जाएगा इन्हें अत्यधिक ऊंचाई से लेकर रेगिस्तान या फिर पहाड़ से लेकर बर्फीले पहाड़ों पर तैनात किया जा सकता है।

रविवार, 4 नवंबर 2018

'तेजप्रताप नॉर्थ तो ऐश्वर्या साउथ पोल', लालू यादव की 2 घंटे की मुलाकात, क्या बना पाएगी बात? 10 बातें


'तेजप्रताप नॉर्थ तो ऐश्वर्या साउथ पोल', लालू यादव की 2 घंटे की मुलाकात, क्या बना पाएगी बात? 10 बातें

'तेजप्रताप नॉर्थ तो ऐश्वर्या साउथ पोल', लालू यादव की 2 घंटे की मुलाकात, क्या बना पाएगी बात? 10 बातें
नई दिल्ली: बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार में अभी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की तलाक की अर्जी ने परिवार के भीतर 'भूचाल' ला दिया है. तेजप्रताप यादव ने अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक की अर्जी दी है. हालांकि, यादव परिवार में तेजप्रताप यादव को मान-मनौवल का दौर चल रहा है, मगर तेजप्रताप यादव के जिस तरह के तेवर दिख रहे हैं, उससे लग नहीं रहा कि लालू परिवार की मुश्किलें कम होंगी. बहरहाल, राजद नेता तेज प्रताप यादव ने शनिवार को रांची स्थित एक अस्पताल में अपने पिता लालू प्रसाद से मुलाकात की और कहा कि वह ऐश्वर्या राय के साथ अपनी छह महीने पुरानी शादी समाप्त करने के अपने निर्णय पर कायम हैं क्योंकि वह ‘घुट-घुटकर नहीं जी सकते.


लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को पटना की एक अदालत में राय के साथ बेमेल जोड़ी का उल्लेख करते हुए तलाक की अर्जी दायर की थी. ऐश्वर्या राय राजद नेता चंद्रिका राय की पुत्री हैं. तेज प्रताप यादव ने ऐश्वर्या राय से 12 मई को विवाह किया था. राय के दादा दरोगा राय 1970 के दशक के शुरू में थोड़े समय के लिए बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे. तेज प्रताप ने शनिवार को लालू से रांची में राजेंद्र इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में दो घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की. वहां लालू चारा घोटाला मामले के सिलसिले में बंद हैं.
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव शुक्रवार को तलाक की अर्जी दायर करने के बाद पटना हवाईअड्डे गए थे, लेकिन परिवार के सदस्यों द्वारा मनाने के बाद मां राबड़ी देवी के आवास पर लौट आए थे. वह शनिवार की सुबह लालू से मिलने के लिए सड़क मार्ग से रांची रवाना हुए.
अपने पिता से मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं अपने निर्णय पर कायम हूं. कोई भी व्यक्ति घुट-घुटकर नहीं जी सकता.' उन्होंने यह नहीं बताया कि लालू के साथ उन्होंने क्या चर्चा की. उन्होंने केवल यही कहा कि उनके पिता घर आएंगे और ‘मैं उनका इंतजार करूंगा.' तेज प्रताप ने कहा, ‘हम अपने परिवार के सदस्यों से इसके बारे में चर्चा करेंगे. लेकिन मैं अपने निर्णय पर कायम हूं.' उन्होंने कहा कि उन्हें जो कुछ भी कहना है वह अदालत में कहेंगे जब तलाक मामले की सुनवायी 29 नवम्बर को शुरू होगी.
शनिवार को इससे पहले चिकित्सकों के एक दल ने लालू की जांच की और संवाददाताओं से कहा कि सब कुछ सामान्य है. मधुमेह से पीड़ित लालू विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं और वह रिम्स में एक निजी वार्ड में हैं. तीर्थनगरी बोधगया में पत्रकारों से बातचीत में तेजप्रताप ने कहा, ‘मैंने अपने माता-पिता को बताया था कि अभी मेरी शादी करने की कोई इच्छा नहीं है लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी. हमारी जोड़ी नहीं मिली. मैं साधारण सी आदतों वाला साधारण व्यक्ति हूं जबकि वह एक आधुनिक महिला हैं, दिल्ली में पढ़ी-बड़ी हैं और महानगरीय जिंदगी जीती रही हैं.' इस बारे में ऐश्वर्या राय या उनके परिवार की ओर से गत शुक्रवार से कुछ भी नहीं कहा गया है.
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों से पत्नी से उनकी बातचीत भी नहीं हुई है. यह पूछे जाने पर कि क्या उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर उनसे कुछ कहा, इस पर उन्होंने कहा कि वे राजनीति के बारे में बात करते हैं, ऐसे मामलों के बारे में नहीं. अपनी याचिका में उन्होंने तलाक मांगने की वजह क्रूर व्यवहार बताया है. लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा है कि वह 'नॉर्थ पोल' हैं जबकि उनकी पत्नी ऐश्वर्या 'साउथ पोल' हैं, प्रधानमंत्री भी आ जाएं तो भी वह अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे.
वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव द्वारा दायर की गई तलाक की याचिका पर मीडिया सुर्खियों को लेकर शनिवार को नाखुशी जाहिर की और कहा कि पारिवारिक मामलों को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए.
तेजस्वी ने कहा कि एक महिला कांस्टेबल की मौत के बाद शुक्रवार को बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी सड़कों पर उतर आये थे. यह एक गंभीर मुद्दा है तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के लिए चिंता की बात है और मीडिया द्वारा इसे सही ढंग से दिखाया जा रहा था.
उन्होंने कहा कि लेकिन शाम तक सब कुछ भुला दिया गया और एक परिवार में घटित बातें आकर्षण का केन्द्र बन गईं. तेजस्वी यादव ने कहा कि घरेलू मामले लोगों को प्रभावित करते हैं लेकिन केवल उनको जो परिवार के सदस्य हों. ये सार्वजनिक मुद्दे नहीं हैं.
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी सहयोगी रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि परिवारों में मनमुटाव हो जाते हैं और उनका समाधान भी हो जाता है. उन्होंने कहा कि इस प्रकरण का यादव की राजनीतिक संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा जो कि वर्तमान में विधायक हैं. इसके साथ ही राजद पर भी इसका कोई राजनीतिक असर नहीं होगा,.
रघुवंश सिंह ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा,‘‘तेज प्रताप की तलाक याचिका राजनीतिक रूप से किसी को भी प्रभावित क्यों करेगी? अपनी पत्नी से अलग होने के बावजूद क्या नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बने और क्या भाजपा ने चुनाव नहीं जीता?'

बुधवार, 25 जून 2014

LPG सिलेंडर पर हर माह 5 रुपये बढ़ाएगी सरकार!



नई दिल्ली। रेल किराये के बाद अब केंद्र सरकार एलपीजी सिलेंडर और केरोसीन के दामों में भी जोर का झटका धीरे से देने की तैयारी में है। ये फॉर्मूला पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार डीजल के दामों में लागू कर चुकी है, जहां डीजल कीमतों में हर महीने 50 पैसे की वृद्धि की जाती है। मोदी सरकार मनमोहन के इस फॉर्मूले को एलपीजी सिलेंडर और केरोसीन पर लागू करने पर विचार कर रही है।



केंद्र सरकार एलपीजी सिलेंडर में हर महीने पांच रुपये की वृद्धि करने की तैयारी कर रही है। इसी तरह केरोसीन की कीमत में भी हर महीने 50 पैसे से एक रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन है। ऐसा हुआ तो रेल किराये में बढ़ोतरी के बाद ये मोदी सरकार की जनता के लिए दूसरी कड़वी गोली होगी। सरकार अभी एलपीजी और केरोसीन पर 80 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है और उसका लक्ष्य बढ़ते बजट घाटे को पूरा करने के लिए इसी राशि को कम से कम करने पर है।



वैसे 14.2 किलो के हर एलपीजी सिलेंडर पर सरकार 432.71 रुपये सब्सिडी देती है। अगर पांच रुपये हर महीने दाम बढ़ाए गए तो इस सब्सिडी को खत्म करने में 7 साल लग जाएंगे। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अगर राजनीतिक नेतृत्व राजी हुआ तो सिलेंडर पर हर महीने 10 रुपये भी बढ़ाए जा सकते हैं।



दूसरी ओर केरोसीन पर वर्तमान में 32.87 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी है। अगर केंद्र सरकार एक रुपये हर महीने बढ़ाती है तो ढाई साल में पूरी सब्सिडी खत्म हो जाएगी। वर्तमान में डीजल, एलपीजी और केरोसीन पर सरकार 1 लाख 15 हजार 548 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है। इनमें से 50 हजार 324 करोड़ एलपीजी पर, 29 हजार 488 करोड़ केरोसीन पर खर्च होते हैं।

मंगलवार, 1 अप्रैल 2014

कर्नल सोनाराम कि उम्मीदवारी खतरे में ?

कर्नल सोनाराम की उम्र 10 साल में 14  साल बढ़ी

कर्नल सोनाराम कि उम्मीदवारी खतरे  में ?

हलफनामे में गलत जानकारी से रद्द हो सकती हे उम्मीदवारी 


बाड़मेर बाड़मेर भाजपा प्रत्यासी कर्नल सोनाराम कि मुश्किलें बढ़ने का संकेत हें। कर्नल द्वारा नामांकन के समय दिए हलफनामो में गलत जानकारी देकर मुशीबत मोल ले ली हें।बताया जा रहा हें कि इस गलत जानकारी के आधार पर लोकसभा चुनाव उम्मीदवार के तौर पर उनका नामांकन पात्र तक खारिज हो सकता 
 और उनको अयोग्य घोषित किया जासकता हें। खुद मुख्य चुनाव आयुक ने इस बात कि पुष्टि कि हें  ंउख्य चुनाव अायुक्त कि माने तो यदि कोई व्यक्ति हलफनामे में दी गयी जानकारी को न्यायलय में चुनौती देता हे तो सम्बंधित उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जा सकता हें। 

क्या हें पूरा मामला  

कर्नल सोनाराम कि  लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले कर्नल सोनाराम की उम्र पिछले १० साल में 14 साल बढ़ गई। 2004 में सोनाराम 59 वर्ष के थे, जो 2014 में 73 साल के हो गए हैं। वर्ष 2008 में सोनाराम 65 वर्ष के थे। वहीं, जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सीपी जोशी की उम्र पांच साल में सिर्फ चार साल ही बढ़ी है। लोकसभा चुनाव के लिए पेश किए गए हलफनामों की बी एन टी  ने पड़ताल की तो आयु संबंधी कई रोचक जानकारियां सामने आईं। कुछ नेताओं की उम्र समय से ज्यादा बढ़ी है तो कुछ की कम हुई है।
उम्र समय से ज्यादा बढ़ी
उदयपुर से कांग्रेस उम्मीदवार रघुवीर मीणा पांच साल में ७ साल बड़े हुए हैं। 2009 के शपथ पत्र के अनुसार मीणा 48 वर्ष के थे, जो 2014 में 55 वर्ष के हो गए। श्रीगंगानगर से भाजपा उम्मीदवार निहालचंद मेघवाल की 2004 से 2009 के बीच उम्र पांच साल बढ़ी, लेकिन 2009 से 2014 के बीच वे छह साल बड़े हो गए।
इनकी उम्र ज्यादा बढ़ती है
नाम 2014 2013 2009 2008 2004
कर्नल सोनाराम 73 72 - 65 59
निहालचंद 43 -- 37 32
सुभाष महरिया 57 57 52 46
रघुवीर मीणा 55 - - 48
इनकी समय से कम रही
जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सीपी जोशी की उम्र पांच साल में सिर्फ चार साल बढ़ी है। 2009 में जोशी 59 वर्ष के थे, जो अब 63 के हुए हैं। इसी तरह जोधपुर से चुनाव लड़ रहीं चंद्रेश कुमारी 2009 में 65 वर्ष की थीं जो अब तक 69 वर्ष की ही हुई हैं।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले कर्नल सोनाराम की उम्र पिछले १० साल में 14 साल बढ़ गई। 2004 में सोनाराम 59 वर्ष के थे, जो 2014 में 73 साल के हो गए हैं। वर्ष 2008 में सोनाराम 65 वर्ष के थे। वहीं, जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सीपी जोशी की उम्र पांच साल में सिर्फ चार साल ही बढ़ी है। लोकसभा चुनाव के लिए पेश किए गए हलफनामों की भास्कर ने पड़ताल की तो आयु संबंधी कई रोचक जानकारियां सामने आईं। कुछ नेताओं की उम्र समय से ज्यादा बढ़ी है तो कुछ की कम हुई है।


उम्र समय से ज्यादा बढ़ी

उदयपुर से कांग्रेस उम्मीदवार रघुवीर मीणा पांच साल में ७ साल बड़े हुए हैं। 2009 के शपथ पत्र के अनुसार मीणा 48 वर्ष के थे, जो 2014 में 55 वर्ष के हो गए। श्रीगंगानगर से भाजपा उम्मीदवार निहालचंद मेघवाल की 2004 से 2009 के बीच उम्र पांच साल बढ़ी, लेकिन 2009 से 2014 के बीच वे छह साल बड़े हो गए। 
कोर्ट कर सकता है डिसक्वालीफाई : जैन

॥शपथ पत्र में गलत जानकारी देना अथवा तथ्य छिपाना गंभीर मामला है। कोई इसे यदि कोर्ट में चुनौती देता है तो गलत जानकारी देने वाले उम्मीदवार को चुनाव के लिए डिसक्वालीफाई किया जा सकता है। निर्वाचन आयोग कार्रवाई नहीं कर सकता। वह शपथ पत्र के सारे कॉलम भरे गए कि नहीं, यही देखता है।

-अशोक जैन, मुख्य निर्वाचन अधिकारी
विधानसभा चुनाव में गड़बड़ उम्र थी
चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी कई नेताओं ने अपनी उम्र गलत बताई थी। बानसूर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले रोहिताश्व कुमार की उम्र पांच साल में 23 साल बढ़ गई थी। पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में खेल राज्यमंत्री रहे मांगीलाल गरासिया ने पांच साल में अपनी उम्र तीन साल ही बढ़ाई। गहलोत सरकार के मुख्य सचेतक रहे रघु शर्मा ने पांच साल में अपनी उम्र आठ साल बढ़ा दी थी तो भाजपा विधायक अनीता गुर्जर और संजना आगरी की उम्र पांच साल में एक साल छोटी हो गई। सोजत विधायक संजना आगरी ने 2008 में अपनी उम्र 37 साल बताई थी, जो 2013 में 36 साल ही रह गई। इसी तरह अनीता गुर्जर 2008 में 43 वर्ष की थीं, जो 2013 में 42 वर्ष की रह गईं। पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया की उम्र पांच साल तक स्थिर रही। 2008 में सिनोदिया ने अपनी उम्र 67 वर्ष बताई थी, जो 2013 में भी वही रही।

शनिवार, 8 फ़रवरी 2014

मंत्री शाहिद अली के आतंकियों से संबंध

पटना। नीतीश सरकार के मंत्री शाहिद अली खां पर संदिग्ध आतंकियों से संबंध होने के आरोप लगने के सूबे में सियासी कोहराम मच गया है। एसएसबी की इंटेलिजेंस यूनिट ने पुलिस मुख्ख्यालय को भेजी रिपोर्ट में कहा था कि इंडियन मुजाहिदीन और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से ताल्लुक रखने वाले मोतिहारी के दो संदिग्धों से मंत्री के संबंध हैं। मंत्री शाहिद अली के आतंकियों से संबंध
इस बात का खुलासा एक समाचार चैनल ने जब किया, तो इसे लेकर पुलिस और सत्ताधारी महकमे में खामोशी छा गई। बाद में पुलिस मुख्ख्यालय ने इन आरोपों की पुष्टि नहीं की। एसएसबी ने जांच के लिए मोतिहारी अैर सीतामढ़ी एसपी को भी पत्र भेजा था। हालांकि दोनों जिलों के एसपी ने अपनी रिपोर्ट में इस आरोप को खारिज कर दिया है।

एडीजी रवीन्द्र कुमर ने बताया कि राज्य सरकार के मंत्री के संबंध संदिग्ध आतंकी और आईएसआई के एजेंट से होने के संबंध में एसएसबी द्वारा एसटीएफ को पिछले महीने जानकारी दी गई थी। पत्र में कहा गया था कि मोतिहारी निवासी जमील अख्तर और मंजूर साई के राज्य सरकार के मंत्री से संबंध हैं। सीतामढ़ी और मोतिहारी पुलिस से इसकी छानबीन कराई गई। दोनों जिलों के एसपी ने जमील अख्तर और मंजूर साई के आतंकी होने और मंत्री से उनके संबंधों की पुष्टि नहीं की है।


एडीजी के मुताबिक सीतामढ़ी एसपी ने 26 जनवरी को भेजी अपनी रिपोर्ट कहा कि जमील अख्तर आठ वर्षो से बैरगनिया में रहकर साईकिल की दुकान चलाता है। वहीं मोतिहारी एसपी ने जांच के बाद बताया कि मंजूर साई फुलवारी, ढाका में राज मिस्त्री का काम करता है। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक जमील अख्तर और मंजूर साई का न तो आतंकियों से न ही मंत्री से संबंध की बात पुष्टि हुई है।

एक और आप विधायक फंसे, महिला से छेड़छाड़ का केस दर्ज

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के एक और विधायक फंस गए हैं। दिल्ली के कोंडली से विधायक मनोज कुमार पर महिला से छेड़छाड़ और मारपीट का केस दर्ज किया गया है। इससे पहले आप विधायक सोमनाथ भारती पर भी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप लगे थे। पुलिस का कहना है कि मनोज कुमार के मामले में जांच की जा रही है। अभी विधायक से किसी तरह की कोई पूछताछ नहीं की गई है।एक और आप विधायक फंसे, महिला से छेड़छाड़ का केस दर्ज
शनिवार दोपहर कोंडली क्षेत्र की एक महिला विधायक के दफ्तर पहुंची। जहां पर वह पानी की समस्या की शिकायत लेकर गई थी। लेकिन महिला का कहना है कि उसकी समस्या नहीं सुनी गई। जिसके बाद उसने विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़ की और कई पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। दफ्तर में मौजूद फर्नीचर तोड़ दिया गया। बाद में महिला ने न्यू अशोक नगर पुलिस थाने में विधायक के खिलाफ छेड़छाड़ और मारपीट का केस दर्ज कराया। वहीं दूसरी ओर विधायक ने भी महिला के खिलाफ तोड़फोड़ और मारपीट का केस दर्ज कराया है। साथ ही विधायक ने महिला पर आरोप लगाया है कि वह बसपा की एजेंट है। साथ ही कहा कि हमले के पीछे बहुजन समाज पार्टी के पार्षद के कार्यकर्ता हैं।

विधायक ने कहा कि उसके दफ्तर में मौजूद कार्यकर्ता को हमले में मामूली चोटें भी आई हैं। दफ्तर के कुछ कंप्यूटरों की भी नुक्सान पहुंचाया और हमलावर कई प्रोजेक्टर ले गए। कुमार ने बताया कि बसपा विधायक और उसके बीच इलाके में पानी की समस्या को लेकर कुछ विवाद था।

आप पार्टी पर हमले की यह दूसरी घटना है। इससे पहले 30-40 लोगों ने पार्टी के कौशांबी में स्थित दफ्तर पर हमला कर दिया था। आप नेता प्रशांत भूषण के कश्मीर मुद्दे पर बयान का विरोध करते हुए यह हमला किया गया था। हिंदु रक्षक दल ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।

100 पुलिसवालों पर रेप के आरोप, कैसे होगी दिल्ली सुरक्षित?

नई दिल्ली। रक्षक से भक्षक बनने का दिल्ली पुलिस से बेहतरीन उदाहरण कोई नहीं हो सकता। एक आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया कि दिल्ली में 100 से अधिक पुलिसवालों पर रेप और महिलाओं से छेड़छाड़ के केस चल रहे हैं।100 पुलिसवालों पर रेप के आरोप, कैसे होगी दिल्ली सुरक्षित?
आरटीआई कार्यकर्ता राजहंस बंसल द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं कि दुष्कर्म जैसे आरोपों के बावजूद अधिकतर अभियुक्त पुलिसवालों को जमानत मिल गई है और वे अभी भी पुलिस की नौकरी कर रहे हैं। जब इन्हीं पुलिसवालों को किसी दुष्कर्म की जांच सौंपी जाएगी तो क्या आप विश्वास कर पाएंगे कि निष्पक्ष जांच होगी या पीडित लड़की के साथ फिर से एक बार मानसिक, शारीरिक या भावनात्मक बलात्कार नहीं किया जाएगा।

आरटीआई के जवाब में यह भी सामने आया कि लगभग 70 पुलिसवाले रेप के आरोपी हैं जबकि बाकी पर छेड़छाड़ और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप है। दिल्ली पुलिस द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक 2009 से 2013 के बीच में पुलिसकर्मियों द्वारा रेप की घटनाओं में बहुत तेज वृदि्ध हुई है।

घटना का दुखद पहलू यह है कि इतने आरोपों के बावजूद पिछले वर्ष सिर्फ दो पुलिसमैन को ही सस्पेंड कर अरेस्ट किया गया जबकि बाकी सभी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं।

गिरफ्तार दोनों अभियुक्त कांस्टेबल अमित तोमर तथा गुरजिन्दर सिंह एक नार्थवेस्ट दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोपी हैं। इनमें से अमित तोमर को तीन नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का आरोपी पाया गया है।

इन दोनों के अलावा दो सीनियर पुलिस ऑफिसर्स के खिलाफ भी पिछले वर्ष दुष्कर्म के आरोप दाखिल किए गए थे। घटनाक्रम को और दुखद बनाते हुए हाल ही में एक सब-इन्सपेक्टर पर एक 19 वर्षीय लड़की से रेप करने का आरोप लगा है। आरोपी सब-इन्सपेक्टर अभी फरार चल रहा है।

गुरुवार, 6 फ़रवरी 2014

भारत में मौजूद कुछ असामान्य मंदिर और अनोखे स्मारक

आस्था या विश्वास के लिए ये ज़रूरी नहीं है कि आप उसे किसी विशेष वास्तु में ढूंढें, ये किसी भी आकार आकृति और रूप में आपके सामने आ सकता है। क्या पता शायद अगली बार एक खिलौने वाला हवाई जहाज ही आपकी आस्था का प्रतीक बन जाये। आस्था के सम्बन्ध में भारतियों की एक अलग राय है कभी यहां लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र एक बुलट होती है तो कभी कोई पेड़ पौधा कभी लोग सिगरेट से अपनी मनोकामना की पूर्ति कराते हैं तो कभी कोई कुछ करता है। 33 करोड़ देवी देवता होने के बावजूद एक "रॉयल इंफील्ड बुलट" की पूजा, या "किसी मज़ार पर सिगरेट चढ़ाना" अब इसे आस्था कहा जाए या अंधविश्वास लेकिन बात जो भी हो सुनने में और देखने में ये सब बड़ा रोचक होता है। आप यकीन मानें या ना मानें लेकिन हिंदुस्तान में ऐसे बहुत से मंदिर है जो हमेशा से ही कौतुहल का विषय रहे हैं। इसी क्रम में आज फिर हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ असामान्य मंदिरों और स्थानों के बारे में। आज आपको ऐसा बहुत कुछ पढ़ने को मिलेगा जिसकी कल्पना आपने कभी नहीं की होगी। साथ ही इन बातों को पढ़ने के बाद आपको विश्वास हो जायगा कि भारत के लोगों कि आस्था इतनी आसामान्य है कि आप उसे शब्दों में पिरो नहीं सकते हैं। काल भैरव नाथ मंदिर , मध्य प्रदेश असामान्य: जहां प्रसाद में मिलती है शराब हर साल हज़ारों लोग उज्जैन के काल भैरव नाथ मंदिर आते हैं और महाकाल को शराब चढ़ाते हैं, यही शराब यहां प्रसाद के रूप में भी बांटी जाती है। कहा जाता है कि काल भैरव नाथ इस शहर के रक्षक हैं। इस मंदिर के बाहर साल के 12 महीने और 24 घंटे शराब उपलब्ध रहती है। चाइनीज काली मंदिर, कोलकाता असामान्य : प्रसाद में मिलती है न्यूडल चाइनीज काली मंदिर, कोलकाता कोलकाता के टांगरा में एक 60 साल पुराना चाइनीज काली मंदिर है। इस मंदिर की एक ख़ास बात ये है कि दुर्गा पूजा के दौरान प्रवासी चीनी लोग इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। यहाँ आने वालों में ज्यादातर लोग या तो बौद्ध हैं या फिर ईसाई। एक बात और है जो इस मंदिर को खास बनाती है वो ये है कि इस मंदिर के मुख्य पुजारी एक बंगाली ब्राह्मण हैं । यहां आने वाले लोगों को प्रशाद में न्यूडल, चावल और सब्जियों से बनी करी परोसी जाती है। 
भारत में मौजूद कुछ असामान्य मंदिर और अनोखे स्मारक
हवाई जहाज गुरुद्वारा, पंजाब असामान्य : जहां चढ़ाया जाता है खिलौने वाला हवाई जहाज पंजाब के दोआबा क्षेत्र में पड़ने वाला संत बाबा निहाल सिंह गुरुद्वारा भी बड़ा विचित्र है यहां आने वाले भक्त गुरूद्वारे पर खिलौने का हवाई जहाज चढ़ाते हैं।

भारत में मौजूद कुछ असामान्य मंदिर और अनोखे स्मारक

 ऐसा करने के पीछे लोगों में ये मान्यता है कि बाबा उन्हें विदेश बेजते हैं। आज भी रोजाना हज़ारों लोग इस गुरूद्वारे पर मत्था टेकने आते हैं यहां आने के बाद आप यूके यूएसए और कनाडा जाने की इच्छा रखने वाले लोगों को इस स्थान पर एकत्र हुए देख सकते हैं। यहां गुरूद्वारे के बाहर आपको कई दुकानें मिलेंगी जो हवाई जहाजों के खिलौने बेचती हैं और इन्हें खरीदने के लिए लोगों कि भीड़ लगी रहती है। एकमात्र ब्रहमा मंदिर, राजस्थान असामान्य : विश्व का एकमात्र ब्रहमा मंदिर ब्रहमा मंदिर, पुष्‍कर झील के किनारे पर स्थित है। यह भारत के कुछ मंदिरों में से एक है जो हिंदूओं के भगवान ब्रहमा को समर्पित है। यह मंदिर मूल रूप से 14 वीं सदी में बनाया गया था। मंदिर में राजसी छवि वाले कमल पर विराजमान, ब्रहमा जी की चार मुख वाली मूर्ति स्‍थापित है जिसके बाएं तरफ उनकी युवा पत्‍नी गायत्री और दाएं तरफ सावित्री बैठी हैं।
भारत में मौजूद कुछ असामान्य मंदिर और अनोखे स्मारक
 बुलट बाबा, राजस्थान असामान्य : जहां पूजी जाती है एक बुलट बुलट बाबा या ओम बनना समाधी राजस्थान के जोधपुर में स्थित है। यहां आने वाले भक्त रॉयल इंफील्ड की एक बुलट की पूजा करते हैं। साथ ही यहां चढ़ावे के तौर पर "बुलट बाबा" को शराब चढ़ाई जाती है। यहां के स्थानीय निवासियों का मानना है कि बुलट बाबा यहां के लोगों की सड़क यात्रा के दौरान हादसों से सुरक्षा करते हैं। 

भारत में मौजूद कुछ असामान्य मंदिर और अनोखे स्मारक
बाबा जसवंत सिंह वॉर मेमोरियल असामान्य : वॉर मेमोरियल जो पूजा जाता है मंदिर कि तरह अरुणाचल प्रदेश के तवांग में पड़ने वाला ये स्थान कोई मंदिर नहीं बल्कि एक वॉर मेमोरियल है मगर यहां मौजूद भारतीय सेना के जवानों द्वारा इसे किसी मंदिर से कम नहीं समझा जाता। यहां आज भी सुबह 4.30 को बाबा को चाय, सुबह 9 पर नाश्ता और शाम 7 बजे डिनर दिया जाता है। ये वॉर मेमोरियल भारतीय सेना के जवान जसवंत सिंह को समाप्त है। मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित इस सैनिक ने चीनी सिपाहियों के विरुद्ध युद्ध में अपनी जान की कुर्बानी दी थी। 1962 में भारत-चीन युद्ध में लगातार 72 घंटे लड़ कर उन्होंने साहस और शौर्य का बेजोड़ परिचय दिया था। जसवंत घर का रख-रखाव काफी अच्छे से किया गया है, ताकि यहां आने वाले पर्यटक इस जांबाज सिपाही को श्रद्धांजली अर्पित कर सकें।

 

मंगलवार, 7 जनवरी 2014

महिला टीटीई से छेड़छाड़,पेंट्री कार में छिपी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले की सरहद पर पुलिस भर्ती में शामिल होने के लिए आए युवकों और सीआईएसएफ के एक जवान ने सोमवार को अहमदाबाद एक्सप्रेस में एक महिला टीटीई से छेड़छाड़ की।
बिना टिकट यात्रा कर रहे इन लोगों को 35 वर्षीया टीटीई ने जब टोका तो उन्होंने गाली-गलौज भी की। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बुरी तरह डरी महिला टीटीई किसी तरह वहां से भागी और पेंट्री कार में जाकर छिप गई। हंगामा कर रहे युवकों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रसमड़ा के पास रोक लिया।

ट्रेन के राजनांदगांव पहुंचने के बाद महिला टीटीई ने पुलिस बल के साथ एक बोगी में बैठे उस सीआईएसएफ के जवान को पहचान लिया जो छेड़छाड़ में शामिल था। महिला टीटीई की सूचना पर रसमड़ा में उतरे बाकी युवकों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले की सरहद पर पुलिस भर्ती में शामिल होने के लिए आए युवकों और सीआईएसएफ के एक जवान ने अहमदाबाद एक्सप्रेस में दिनदहाड़े एक महिला टीटीई की इज्जत से खेलने की कोशिश की। बिना टिकट यात्रा कर रहे इन लोगों को 35 वर्षीया टीटीई ने जब टोका तो उन्होंने पहले गाली-गलौज, फिर छेड़छाड़ की।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बुरी तरह डरी महिला टीटीई किसी तरह वहां से भागी और पेंट्री कार में जाकर छिप गई। हंगामा कर रहे युवकों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रसमड़ा के पास रोक लिया। ट्रेन के राजनांदगांव पहंुचने के बाद महिला टीटीई ने पुलिस बल के साथ एक बोगी में बैठे उस सीआईएसएफ के जवान को पहचान लिया जो छेड़छाड़ में शामिल था। महिला टीटीई की सूचना पर रसमड़ा में उतरे बाकी युवकों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

महाराष्ट्र में पदस्थ महिला टीटीई ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है किसोमवार को वह हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस में टिकट चेक कर रही थी। दोपहर 3 बजे के आसपास एस12 बोगी में गेट के पास खड़े कुछ युवकों से जब उसने टिकट मांगा तो इन लोगों ने उसके साथ गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। आसपास खड़े उनके साथी भी पहुंच गए। उन्होंने महिला टीटीई को चारों तरफ से घेर लिया।

महिला टीटीई के साथ धक्का-मुक्की की कोशिश कर रहे युवकों में से किसी ने महिला को जिंदा जला देने की धमकी दी। इससे महिला दहशत में आ गई। मदद के लिए वह पेंट्री कार में पहुंची तो वहां कोई नहीं था।

आरोपियों के पीछे आने की आशंका को देखते हुए उसने पेंट्री कार का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। उसके बाद उसने मोबाइल फोन से आला अफसरों को पूरी घटना की जानकारी दी। इसी दौरान युवकों ने ट्रेन को चेन पुलिंग कर रोक दिया। करीब घंटे भर ट्रेन को रोककर युवक हंगामा करते रहे।

इस बीच जिला पुलिस, रेलवे पुलिस और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के जवान काफी संख्या में राजनांदगांव स्टेशन पर पहुंच गए। ट्रेन के पहंुचते ही पुलिस अफसरों ने महिला टीटीई को पेंट्री कार से निकाला और उसे साथ लेकर हर बोगी की तलाशी ली। एक बोगी में छिपकर बैठे युवक अमित रंजन को महिला ने पहचान लिया। पूछताछ में पता चला कि वह सीआईएसएफ में है और भिलाई में उसकी तैनाती है। वह परेड में हिस्सा लेने मुंबई जा रहा था।

जवान को दबोच कर जीआरपी उसे थाने ले आई। अमित ने बताया कि महिला से दुर्व्यवहार करने वाले युवक रसमड़ा में उतर गए। इसके बाद पुलिस की दूसरी टीम ने इन 10 आरोपियों को भी दबोच लिया। ये सभी आरोपी औरंगाबाद जिला (बिहार) के नौनेर, डेरहा व ओबरा के रहने वाले बताए जा रहे हैं। इनके नाम सोनू कुमार, सुरेंद्र यादव, गुड्डू यादव, चंदन यादव, पंकज साहू, नीरज यादव, नागदेव यादव, सुजीत कुमार, मोंटू यादव और अजीत यादव हैं। ये सभी राजनांदगांव में हो रही पुलिस भर्ती का आवेदन जमा करने आ रहे थे।

राजनांदगांव के सीएसपी मोहन दुबे ने बताया कि महिला टीटीई के साथ बदतमीजी करने वाले सभी युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है। महिला टीटीई ने बताया कि अहमदाबाद एक्सप्रेस में रसमड़ा के पास करीब एक घंटे हंगामा चलता रहा, पर पुलिस का कोई जवान नहीं आया। उसे पूरी ट्रेन में कोई वर्दीधारी पुलिस का जवान नहीं दिखा।

गुरुवार, 2 जनवरी 2014

बाप-बेटे ने लूटी नाबालिग छात्रा की अस्मत

फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के जसराना क्षेत्र में बुधवार को एक छात्रा ने गांव के ही एक युवक और उसके पिता पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है।
पुलिस के अनुसार जसराना इलाके में जाजूमई गांव की 16 साल की लड़की ने थाने में तहरीर दी है कि जब वह शौच के लिए खेत की ओर जा रही थी तभी अनूप और उसके पिता राजपाल ने उसे दबोच लिया और अश्लील हरकतें करनी शुरू कर दी।

उसने विरोध किया तो पिता-पुत्र ने उस पर तमंचा तान दिया और दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस सिलसिले में मामला दर्ज करा दिया गया है। लड़की को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार हालत बिगड़ने पर पीडिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

कार में लिफ्ट देकर विवाहिता से गैंगरेप

हिसार। हरियाणा के हिसार जिले में बीते वर्ष दुष्कर्म की अनेक घटनाओं के लिए चर्चा में रहा हिसार जिला में साल के आखरी दिन भी विवाहिता हवस के भूखे भेडियों के शिकार हो गई। इस वारदात में चार युवकों ने इस विवाहिता के साथ बंधक बनाकर गैंगरेप किया।
पुलिस के पास पहुंचे इस मामले के अनुसार घर से बाजार के लिए निकली 32 वर्षीय विवाहिता को कार में लिफ्ट देने के बहाने अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म किया। पीडिता के अनुसार उसे नागोरी गेट के समीप कार में सवार चार युवकों ने आजाद नगर छोड़ने का झांसा दिया और सिवानी के एक होटल में ले गए। वहां चारों युवकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया तथा वहा से उसे एक गाड़ी में बैठा दिया।

पीडिता का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ शिकायत करने के लिए पीडिता आजाद नगर पुलिस चौकी पहुंची तो उसे मामला सिवानी का बताया गया। थाना में वारदात की जानकारी देने पर सुनवाई नहीं हुई। पुलिस से संपर्क करने पर उसे हिसार एसपी के पास भेजा गया तथा पीडिता ने एसपी बी सतीश बालन से मिलकर घटना की जानकारी दी। एसपी ने शहर थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए।

शनिवार, 14 दिसंबर 2013

क्रूर अपराध का मासूम चेहरा, प्रदेश में पहली बार दी जाएगी महिला को फांसी

इंदौर. ढाई साल पहले श्रीनगर कॉलोनी (मेन) में लूट के लिए युवती, उसकी मां और नानी की नृशंस हत्या करने के मामले में जिला अदालत ने शुक्रवार को तीनों आरोपियों को फांसी की तिहरी सजा सुनाई। इनमें एक युवती भी शामिल है।

इंदौर ही नहीं प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी महिला को फांसी की सजा सुनाई गई है। इस साल इंदौर जिला कोर्ट में अब तक तीन अलग-अलग मामलों में सात लोगों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। अदालत ने प्रत्येक आरोपी को तीनों की हत्या में अलग-अलग फांसी की सजा सुनाई। यानी तिहरी सजा सुनाई।

उन पर एक-एक हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। हालांकि सजा की ऊपरी अदालत में पुष्टि होने पर फांसी एक बार ही दी जा सकती है।

डीएनए रिपोर्ट बनी आधार- अदालत ने जिन आधारों पर मृत्युदंड की सजा सुनाई, उनमें डीएनए रिपोर्ट सबसे अहम रही। रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों के कपड़ों पर खून के जो धब्बे थे, वे मृतकाओं के थे। इसके अलावा फ्रिंगर प्रिंट, गहनों, चाकू, पिस्टल और चाकू की जब्ती भी महत्वपूर्ण रही। प्रकरण के ट्रायल में 36 गवाहों के कथन हुए। इनमें एक गवाह राहगीर राजू सेन थे, जिन्होंने आरोपियों को घटनास्थल से भागते देखा था। इसके अलावा 17 पुलिसकर्मियों, तीन डॉक्टर और शेष अन्य लोगों के कथन हुए।

मेघा की कॉल डिटेल से सुलझी गुत्थी
हत्या के 48 घंटे बाद तक पुलिस को हत्यारों का सुराग नहीं मिल रहा था। मेघा की कॉल डिटेल निकाली तो उसमें नेहा से कई बार बातचीत होने के प्रमाण मिले। पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर लोगों से पूछताछ शुरू की। नेहा गिरफ्त में आई तो हाव-भाव से ही पुलिस को उस पर शक हो गया था।



यह तो कुदरत का इंसाफ है : निरंजय
तीन परिजन को खोने वाले निरंजय देशपांडे फिलहाल पूना में हैं। उन्होंने ‘भास्कर’ से चर्चा में कहा कि यह तो कुदरत का इंसाफ है। हत्यारों ने जैसा किया, वैसी ही सजा मिली। बकौल निरंजय, उन्हें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा था। अब हत्यारों को फांसी पर जल्द लटकाना चाहिए। फैसले की जानकारी मिली तो उस भयावह दिन का पूरा घटनाक्रम फिर आंखों के सामने आ गया।


ये हैं हत्यारे- देवेंद्र नगर की नेहा वर्मा (23), घनश्यामदास नगर के राहुल चौधरी (24) और विद्या नगर में रहने वाला मनोज नानूराम अटोदे (32)।

तीन पीढ़ी को खत्म करने वालों को इसके अलावा सजा का कोई विकल्प नहीं था : कोर्ट
विरल से विरलतम
जिला लोक अभियोजक रवींद्रसिंह गौड़ के मुताबिक, कोर्ट ने फैसले में कहा कि जिनकी हत्या की गई, वे बिना किसी अपराध और विद्वेश के जीवन जी रहे थे। ऐसे में तीनों आरोपियों ने चंद रुपयों के लिए बड़े क्रूर तरीके से गोली मारी और चाकुओं से शरीर को क्षत-विक्षत किया। इसलिए ऐसे अपराधी दया के पात्र नहीं हो सकते। कोर्ट ने इसे विरल से विरलतम घटना माना।

यह हुआ था 19 जून 2011 को...

19 जून 2011 को बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी निरंजय देशपांडे (उज्जैन) की पुत्री अश्लेषा (23), पत्नी मेघा (45) और सास रोहिणी फड़के (70) को तीन आरोपियों ने मार डाला था। यह परिवार एक महीने पहले ही श्रीनगर में किराए से रहने आया था।


ऐसे रची थी हत्या की साजिश
आरोपी नेहा की मेघा से मुलाकात ऑर्बिट मॉल में हुई थी। दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई। नेहा मेघा के घर जाने लगी। धीरे-धीरे नेहा को देशपांडे परिवार की आर्थिक स्थिति का अंदाज हो गया। वह अपने प्रेमी राहुल से भी देशपांडे


परिवार के बारे में बात किया करती थी। उसने ही बताया था कि परिवार में ज्यादातर समय महिलाएं ही रहती हैं। उन्हें आसानी से रिवॉल्वर और चाकू की नोंक पर लूटा जा सकता है। नेहा ने राहुल के साथ मिलकर लूट की साजिश बनाई तो राहुल ने अपने दोस्त मनोज को भी साथ मिला लिया। इस तरह तीनों ने मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया।

गुरुवार, 12 दिसंबर 2013

CBSE के उपसचिव पर अपनी ही पत्नी से रेप का आरोप

केंद्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के उप सचिव लखन लाल मीणा पर इलाहाबाद के धूमगंज थाने में रेप, जबरदस्‍ती गर्भपात, रेप करने के बाद अश्‍लील वीडियो बनाकर ब्‍लैकमेल करने, धोखे से प्रॉपर्टी दखल करने, पहली शादी छुपाकर दूसरी शादी करने और मारपीट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है.सीबीएसई
यह सभी आरोप उनकी पत्‍नी ने लगाए हैं. यह मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया है. लखन लाल मीणा पर आरोप है कि महिला को कोल्‍ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसका रेप किया और फिर अश्‍लील वीडियो क्लिप बनाया. आरोपी मीणा फिलहाल अजमेर में तैनात हैं.

पीड़ित महिला का आरोप है कि इलाहाबाद में तैनाती के दौरान लखन लाल मीणा उनके यहां किराएदार बनकर आए थे. एक दिन उन्होंने उसे नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश कर दिया और रेप करके वीडियो क्लिप बनाया. महिला का कहना है कि समाज के डर से उन्‍होंने यह बात किसी को नहीं बताई. यही नहीं, मीणा ने साल 2009 में डरा धमकाकर और वीडियो क्लिप से ब्‍लैकमेल कर उससे जबरन शादी भी की. मीणा से उसे एक बेटा भी है.

महिला ने बताया कि शादी के कुछ समय बाद से ही मीणा ने दोनों से किनारा करना शुरू कर दिया. इसी बीच उनका अजमेर तबादला हो गया. महिला का कहना है कि उसने कई बार उनसे साथ ले चलने की गुजारिश की मगर वह किनारा करते रहे. दबाव डालने पर 16 अगस्त को वह उन्हें लेने आए. वह बेटे को साथ लेकर उनके साथ चलने को तैयार हुई तो सूबेदार गंज स्टेशन पर ट्रेन चलते ही उन्होंने बेटे को नीचे उतार दिया. उसने शोर मचाया तो थोड़ी दूर पर उसे भी नीचे उतार दिया.

महिला का आरोप है कि उसने इस बारे में पहले धूमनगंज पुलिस से शिकायत की मगर उसकी सुनवाई नहीं हुई. उसके बाद उसने सीजेएम को शिकायत की. अदालत के आदेश पर लखन लाल मीणा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.


 

शनिवार, 7 दिसंबर 2013

पिता की मौत के बाद नौकरी की दावेदार होंगी विवाहित बेटियां



मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि पिता की मृत्यु के बाद विवाहित बेटियां भी सहानूभूति के आधार पर मिलने वाली सरकारी नौकरी के लिए बराबर की हकदार है।
पिता की मौत के बाद नौकरी की दावेदार होंगी विवाहित बेटियां



कोर्ट ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की अविवाहित बेटियों को नौकरी देना और विवाहित बेटियों को इस लाभ से वंचित करना समानता के अधिकार का उल्लंघन है।


कोर्ट ने यह फैसला 29 वर्षीय स्वाति कुलकर्णी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। गौरतलब है कि महाराष्ट्र सिंचाई विभाग ने कुलकर्णी के दावे को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने पिता की मौत के बाद सहानुभूति के आधार पर मिलने वाली नौकरी के लिए दावा पेश किया था।


विभाग ने इसके पीछे 1994 के सरकारी रेज्योलूशन का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि केवल अविवाहित बेटियां ही अनुकंपा के आधार पर मिलने वाली नौकरी की हकदार होगी।


याचिकाकर्ता के पिता अशोक कुलकर्णी की 2008 में मौत हो गई थी। स्वाति की मां और छोटी बहन ने नौकरी लेने से अनिच्छा जाहिर की। लिहाजा स्वाति कुलकर्णी ने दावेदारी जताई।

कुलकर्णी का नाम पहले प्रतीक्षा सूची में था। लेकिन शादी के बाद उनका नाम हटा दिया गया। इसके बाद कुलकर्णी ने सिंचाई विभाग के निर्मय को हाईकोर्ट में चैलेंज किया।

न्यायाधीश एससी धर्माधिकारी और रेवती मोहिते ने सिंचाई विभाग के निर्णय को खारिज करते हुए कुलकर्णी का नाम प्रतीक्षा सूची में जोड़ने को कहा है।

शुक्रवार, 6 दिसंबर 2013

"वैवाहिक जीवन में यौन संबंध इंपोर्टेंट"

मुम्बई। बंबई हाईकोर्ट ने कहा है कि वैवाहिक जीवन में यौन संबंध महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और किसी अन्य कारणों से इसका पृथक्करण नहीं किया जा सकता। न्यायाधीश वीके ताहिलरमानी और वीएल अचिल्या की खंडपीठ ने बुधवार को एक व्यकित को पत्नी से तलाक लेने की अनुमति देने के पारिवारिक अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए इस फैसले के खिलाफ पत्नी की याचिका खारिज कर दी।
पति ने पत्नी पर शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि ऎसा करके पत्नी उसके साथ मानसिक क्रूरता कर रही है। इस दम्पती का वर्ष 2005 में मुम्बई में हिन्दू वैदिक रीति से विवाह हुआ था। पति ने आरोप लगाया कि हनीमून के दौरान ही उसकी पत्नी ने छोटे-छोटे मामलों को लेकर उससे झगड़ा किया और शारीरिक संबंध बनाने में उसके साथ सहयोग नहीं किया।

किसी न किसी बहाने से पत्नी यौन संबंध बनाने से इनकार करती रही। महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति के विवाहेतर संबंध हैं लेकिन न्यायालय में वह इसका प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर पाई।

मनमोहन ने माना मोदी को गंभीर चुनौती

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को एक तरह से कांग्रेस के लिए चुनौती मानते हुए कहा कि हम अपने विरोधी की ताकत को हल्के ढंग से नहीं ले सकते।
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को यहां कहा कि कांग्रेस पूरे विश्वास के साथ अगले आम चुनाव में उतरेगी लेकिन हम अपने विरोधी की ताकत को हल्के ढंग से नहीं ले सकते। हम अपने विरोधियों को पूरी गंभीरता से लेते हैं।

प्रधानमंत्री से पूछा गया था कि क्या वह मोदी को एक चुनौती मानते हैं। वह एक दैनिक अंग्रेजी अखबार के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक को लेकर उठे विवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि इसमें तेजी के पीछे कोई राजनीति नहीं है। उन्होंने कहा कि देश पिछले पांच वर्ष से इस मुद्दे से जूझ रहा है।

यदि दंगों को रोका नहीं जा सकता है तो पीडितों के लिए समुचित मुआवजे की व्यवस्था होनी चाहिए। आतंकवाद की समस्या पर उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए पूरे देश का एकजुट होना जरूरी है। इससे हिंदू ,मुसलमान या ईसाई के आधार पर अकेले नहीं निपटा जा सकता।

उन्होंने कहा कि हमने आतंकवाद का जब भी हिंदू, मुसलमान या ईसाई के रूप में नहीं बल्कि एक भारतीय के रूप में सामना किया है तो हमें सफलता मिली है। उन्होंने आतंकवाद के खतरे के प्रति सभी को सचेत करते हुए कहा कि इसका अंतिम लक्ष्य देश का सांप्रदायिक आधार पर बंटवारा कराना है।

प्रधानमंत्री ने मीडिया से भारत के विकास की अनदेखी नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि भारतीयों के अविचल रहने के जोश का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत एक ब्रांड के रूप में पूरी दुनिया में मान्यता हासिल कर रहा है।

मनमोहन ने कहा कि उदीयमान अर्थ व्यवस्था ने अनेकों को गरीबी के जंजाल से उबारा है। लेकिन अब भी भारत में गरीबी है जो लगातार कम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि अतीत की नीतिगत गलतियों के बावजूद देश की अर्थ व्यव्था प्रगति पर है।

नहीं रहे पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला

जोहानिसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला का गुरूवार देर रात (भारतीय समयानुसार) निधन हो गया। अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा ने इसकी आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा, "हमारे देश ने अपना महानतम बेटा खो दिया।" लंबे समय से बीमार मंडेला ने घर पर अंतिम सांस ली।

गत सितंबर में फेफड़े के संक्रमण के कारण बीमार मंडेला को सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके बाद से लगातार वे सेना के विशेषज्ञ चिक्तिसकों की निगरानी में थे। 95 वर्षीय मंडेला को दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदी सरकार के विरूद्ध संघर्ष और लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना के लिए जाना जाता था। इस संघर्ष के लिए उन्हें 27 साल जेल में रहना पड़ा। मंडेला ने कई संघर्षो में शांति बहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1993 में उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया।


रंगभेद के खिलाफ बुलंद आवाज

नेल्सन मंडेला, ये नाम रंगभेद के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले क्रांतिकारी या दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति तक सीमित नहीं है, ये नाम परिचायक है विश्व में शांति, समानता और प्रेम के लिए चल रहे निरंतर प्रयास का। ये नाम है उस अनथक संघर्ष का, जिसने तमाम मुश्किल हालातों का सामना करते हुए दक्षिण अफ्रीका को नई बुलंदियों पर स्थापित करने का काम किया।

नेल्सन मंडेला थेंबू राजवंश से संबंधित थे। उनको उनके पिता ने नाम दिया रोहिल्लाला, जिसका अर्थ होता है पेड़ की डालियों को तोड़ने वाला या फिर प्यारा शैतान बच्चा। उनका परिवार परम्परा से ही गांव का प्रधान परिवार था। नेल्सन अपनी पिता की तीसरी पत्नी की पहली सन्तान थे। उनकी मां एक मेथडिस्ट ईसाई थीं, और उनके प्रभाव में वे मिशनरी स्कूल गए। वहीं उन्हें ईसाई नाम, नेल्सन दिया गया।


स्कूली शिक्षा के दौरान ही उनका सामना पहली बार रंगभेद से हुआ। नौ वर्ष की आयु में पिता को गंवाने वाले नेल्सन पर इस भेदभाव का गहरा असर पड़ा। उन्होंने पिता की विरासत सम्भालने के बजाय खुद को शिक्षित करना जरूरी समझा। 1937 में वे हेल्डटाउन गए और अश्वेतों के लिए बनाए गए विशेष कॉलेज "फोर्ट हेयर" में दाखिला लिया। छात्र जीवन में ही उन्होंने रंगभेदी सरकार की नीतियों की मुखालफत शुरू कर दी, नतीजतन कॉलेज से भी निकाले गए। 1944 में उन्होंने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस की सदस्यता ली और अपना जीवन रंगभेद के विरूद्ध लड़ाई में झोंक दिया। इस लड़ाई में 27 साल जेल में भी बिताने पड़े।


आखिर लाए परिवर्तन

अंतत: 1989 में दक्षिण अफ्रीका में सत्ता परिवर्तन हुआ और उदार एफ .डब्ल्यू. क्लार्क देश के मुखिया बने। सत्ता सम्भालते ही उन्होंने सभी अश्वेत दलों पर लगा हुआ प्रतिबंध हटा लिया। साथ ही सभी राजनीतिक बंदियों को आजाद कर दिया गया, जिन पर किसी तरह का आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं था। वर्ष 1994 में दक्षिण अफ्रीका का आम चुनाव रंगभेद रहित हुआ। अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने अन्य दलों को पीछे छोड़ते हुए 62 फीसद मतों को हासिल किया। चुनाव जीतने के बाद 10 सितंबर 1994 को नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने जो अपने पद पर 14 जून, 1999 तक रहे। जून 2004 में उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया।

सशस्त्र सेना का नेतृत्व

सरकार द्वारा रंगभेद के खिलाफ छिडे आंदोलन को रोकने के हर संभव प्रयास किए जा रहे थे। रंगभेद के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने शार्पविले शहर में प्रदर्शनकारियों पर गोलियों की बौछार कर दी। 180 लोग मारे गए और 69 लोग घायल हुए। ऎसी घटनाओं से मंडेला का अहिंसा पर से विश्वास उठने लगा और उन्होंने हिंसा का रास्ता अख्तियार किया। वर्ष 1961 में नेशनल अफ्रीकन कांग्रेस ने एक लड़ाका दल "स्पीयर ऑफ द नेशन" का गठन किया और नेल्सन मंडेला ने इस सशस्त्र टुकड़ी का नेतृत्व किया।

पुरस्कार

मंडेला को 250 से भी ज्यादा पुरस्कार और सम्मान मिले। वैश्विक स्तर पर उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें फ्रेडरिक डी क्लार्क के साथ संयुक्त रूप से 1993 में शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया।

भारत से जुड़ाव

मंडेला का भारत से गहरा जुड़ाव रहा है। वर्ष 1990 में जेल से आजाद होने के बाद मंडेला भारत की यात्रा पर आए थे। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद ही मंडेला भारत की यात्रा पर आए। भारत से उनके गहरे लगाव का ही परिणाम था कि वर्ष 1995 में भी मंडेला भारत की यात्रा पर आए और भारत से पिछले 40 वर्षो से बंद पड़े विदेशी व्यापार के मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव से बातें कीं।

मंडेला दिवस

संयुक्त राष्ट्र संघ ने मंडेला के जन्मदिन को एक अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर स्वीकार किया है। इस दिवस के आयोजन के पीछे संयुक्त राष्ट्र संघ की सोच रही है कि प्रत्येक व्यक्ति और संगठन इस दिवस को अपना 67 मिनट समय दूसरे की सहायता करने में लगाए। 67 मिनट का यह समय नेल्सन मंडेला के सामाजिक न्याय के लिए किए गए 67 वर्षो के लंबे युद्ध को इंगित करता है।

भारत में सम्मान

वर्ष 1990 में मंडेला को भारत के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। उन्हें यह पुरस्कार दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ चलाए गए आंदोलन के लिए दिया गया था। वर्ष 1999 में मंडेला को अहिंसा के वैश्विक आंदोलन के लिये गांधी-किंग एडवर्ड पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें यह पुरस्कार महात्मा गांधी की पौत्री इला गांधी ने दिया।

राजनीति से इतर जीवन

वर्ष 1999 में राष्ट्रपति पद से हटने के बाद मंडेला विभिन्न सामजिक और मानवाधिकार संगठनों के लिए वकालत का काम करने लगे। उन्होंने नेल्सन मंडेला फाउंडेशन, नेल्सन मंडेला चिल्ड्रेन्स फंड और मंडेला रोडेश फाउंडेशन को स्थापित करने में सहयोग दिया। इसके अलावा उनकी प्राथमिकताओं में एड्स जैसी बीमारी से लड़ना भी शामिल था। मंडेला ने अपने जीवन काल में कई पुस्तकों का प्रकाशन किया।

उनमें से "नो इजी वाक टू फ्रीडम", लांग वाक टू फ्रीडम, "नेल्सन मंडेला : द स्ट्रगल इज माइ लाइफ" प्रमुख हैं। वर्ष 1997 में उनके जीवन पर "मंडेला एण्ड डी क्लार्क" नाम से फिल्म भी बन चुकी है। इसके अलावा 1992 की फिल्म "माल्कोम" भी उनके जीवन से प्रभावित रही है।

मंडेला व महात्मा गांधी

मंडेला के व्यक्तित्व पर महात्मा गांधी का गहरा प्रभाव था। द.अफ्रीका में नस्लभेद के खिलाफ किए गए संघर्षो की प्रेरणा भी उन्हें महात्मा गांधी से ही मिली, क्योंकि वो पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में जाकर नस्लभेद और रंगभेद के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया था। वर्ष 2000 में टाइम पत्रिका को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी उपनिवेशवाद को उखाड़ फेंकने वाले क्रांतिकारी थे। दक्षिण अफ्रीका के स्वतंत्रता आंदोलन को मूर्त रूप देने में मैंने उनसे ही प्रेरणा पाई।


नाम
नेल्सन मंडेला
जन्म
18 जुलाई 1918
(दक्षिण अफ्रीका में मबासा नदी के किनारे ट्रांस्की के मवेजो गांव में)
पिता
गाडला हेनरी फाकानिस्वा
मां
नेक्यूफी नोस्केनी
पत्नी
इवलिन मेस
(पहली पत्नी 1944-1957)
नोमजामो विनी मेडीकिजाला
(दूसरी पत्नी (1957-1996)
ग्रेस मेकल
(तीसरी पत्नी 1998 से अब तक)
बच्चे
छह
शिक्षा
हेल्डटाउन कॉलेज से स्नातक।
विशेष
द.अफ्रीका में मंडेला को मदिबा के नाम से भी जाना जाता है।

गुरुवार, 5 दिसंबर 2013

"बरसी" पर आयोध्या में सुरक्षा चाकचौबंद

अयोध्या। अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वस्त होने की बरसी पर उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती है। इसी लिहाज से सरकार ने आयोध्या समेत प्रदेशभर में पुलिस को सतर्कता बरतने के निर्देश जारी कर दिए है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार यानि 6 दिसम्बर को विवादित ढांचा ध्वस्त होने की बरसी है और दोनों समुदायों की ओर से इस मौके पर शौर्य और काला दिवस मनाने की घोषणा की गई है। बता दें कि हाल ही मुजफ्फरनगर हिंसा में में यूपी सरकार पर समय रहते कार्रवाई नहीं करने के साथ ही प्रशासन की विफलता के आरोप लगे थे।

पुलिस को जारी किए निर्देश

आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक(कानून व्यवस्था)मुकुल गोयल द्वारा समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पुलिस अधीक्षक प्रभारी जिलों को गुरूवार को निर्देश दिये गए हैं कि बाबरी ढांचा ढहाये जाने की घटना के बाद प्रत्येक वष्ाü छह दिसम्बर को मुस्लिम और हिन्दू सम्प्रदाय अलग अलग ढंग से प्रतिक्रियायें व्यकत करते हैं । इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग काली पट्टी बांधकर और ज्ञापनआदि देकर इस घाटना पर विरोध प्रकट करते हैं तथा हिन्दू समुदाय के कु छ संगठन इसे शौर्य दिवस केरू प में मनाते हैं और मंदिरों में पूजा पाठ. शंख घाडियाल और घांटे बजाते हैं।

आयोध्या में धारा 144 लागू

पुलिस को जारी निर्देशों के अनुसार इस दिन कहीं-कहीं शान्तिव्यवस्था की समस्यायें भी उत्पन्न होती हैं। ऎसे में आगामी सात दिसम्बर तक आवश्यक सेवाएं बाधित नहीं होने पाए। पूरे जिले में धारा 144 लागू करा दी जाएं एवं शुक्रवार छह दिसम्बर को कोई भी धार्मिक आयोजन, उत्सव, रैली या सभा किए जाने की अनुमति नहीं दी जाए।

माहौल बिगाड़ने वालों पर नजर

अनुसार साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले तत्वों को चिन्हित कर उन पर सतर्क दृष्टि रखी जाए और आवश्यकता पडने पर उनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रüवाई सुनिश्चित की जाए। शांति समितियों की बैठक करके उनका सहयोग प्राप्त किया जाए तथा शहरों में सेक्टर स्कीम लागू की जाए।

पटाखा शॉप पर लगेंगे ताले

दुरूपयोग की आशंका के चलते यूपी सरकार की ओर से शुक्रवार को पटाखों की दुकानों को भी बंद रखने के निर्देश दिए गए है। साथ ही शस्त्र और शराब की दुकानों पर सतर्क दृष्टि रखी जाए। अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यदि कोई संगठन इस संबंध में ज्ञापन देना चाहे तो उसे जुलूस बनाकर कचहरी। तहसील आदि स्थानों पर आने की अनुमति न-न दी जाए अपितु जुलूस के उद्गम स्थान पर मजिस्ट्रेट स्वयं जाकर उनका ज्ञापन प्राप्त कर लें।

अतरिक्त पुलिस बल की तैनाती

सरकार की ओर से मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों और साम्प्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल लगाने के निर्देश जारी किए गए है। ड्यूटी पर लगा बल दंगा निरोधक उपकरणों से लैस रहे। पीएसी बल के साथ जिला पुलिस का एक उपनिरीक्षक गाइड के रू प में रहे तथा चौकीदारों और होमगाडाेंü का प्रयोग किया जाएगा। पुलिस लाइनों में कु छ पुलिस बल रिजर्व में रखे जाने के निर्देश भी जारी किए गए है।

भाई की 'लाश' दिखाकर किया गैंग रेप



नई दिल्ली  बीते भाईदूज के दिन एक युवती को कुछ लोगों ने उसके भाई की फर्जी लाश दिखाकर उसके साथ गैंग रेप किया। पुलिस ने एफआईआर लिखना तो दूर, उलटे विक्टिम को ही थाने से भगा दिया। अब विक्टिम और उसका परिवार इंसाफ पाने के लिए दर-दर भटक रहा है। मामला उत्तर प्रदेश के जिला फिरोजाबाद के गांव जेरा का है। रेप का आरोप ग्राम प्रधान के पति और उसके 6 साथियों पर लगा है।
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विक्टिम के पिता अनुज यादव (बदला हुआ नाम) के मुताबिक घटना 5 नवंबर की है। उनकी 22 साल की बेटी आशा (बदला हुआ नाम) भाई-दूज की पूजा करने के बाद गांव में ही अपनी सहेली के घर गई हुई थी। दोपहर करीब 12 बजे आशा वहां से अपने घर के लिए लौट रही थी कि रास्ते में बाइक से एक लड़का उसके पास आया और उसको बताया कि आशा के भाई का एक्सिडेंट हो गया है। खबर सुनकर बदहवास आशा उस लड़के के संग अपने भाई को देखने चली गई। वह लड़का उसे पास के ही कस्बे एका लेकर पहुंचा जहां लाल रंग की बोलेरो खड़ी थी। लड़के ने आशा को बताया कि इसी में उसका भाई है। आशा ने जब बोलेरो के अंदर देखा तो सफेद कपड़े में लिपटी एक बॉडी दिखी। उसके आस-पास आगे और पीछे की सीट पर कुछ और आदमी बैठे हुए थे जिनमें से एक उसके गांव की प्रधान का पति दलबीर सिंह यादव (पुत्र साधु सिंह यादव) भी था। आशा कपड़ा हटाने के लिए आगे झुकी ही थी कि उन आदमियों ने उसे अंदर खींच लिया। वह कुछ कर पाती इससे पहले ही बोलेरो का दरवाजा बंद हो चुका था।

विक्टिम ने बताया कि आरोपी उसे लेकर गांव के ही बाहर बने एक वीरान पुल पर पहुंचे। पुल के आस-पास जंगल होने की वजह से वहां राहगीरों का आना-जाना लगभग न के बराबर था। दिन भर उसके साथ वहशियों से भी बदतर हरकत करने के बाद वे लोग उसे रात करीब 11:55 बजे अधमरी हालत में उसके घर से 20 मीटर की दूरी पर छोड़कर भाग गए। अनुज यादव ने जब बाहर आकर देखा तो उनकी बेटी नग्नावस्था में बेसुध पड़ी हुई थी। आरोपियों ने उसी की साड़ी से उसके हाथ और पैर बांध दिए थे। उसके मुंह पर भी कपड़ा बांधा हुआ था। उसके प्राइवेट पार्ट्स पर दांतो के निशान थे और पूरे शरीर पर जगह-जगह बेल्ट के निशान थे। अगले दिन सुबह जब आशा को होश आया तो वह इस कदर डरी हुई थी कि किसी का नाम तक बताने को तैयार नहीं थी। वह बस यह कह रही थी कि अगर मैंने किसी का नाम लिया तो वे मुझे मार डालेंगे। पिता के ज्यादा जोर देने पर उसने सबका नाम बताया।




अनुज यादव ने बताया कि वह जब 6 नवंबर को एफआईआर दर्ज कराने एका थाने पहुंचे तो एसओ ने यह कहते हुए उनकी तहरीर फाड़ दी कि ग्राम प्रधान का पति ऐसा कर ही नहीं सकता। इसके बाद अनुज यादव के जान-पहचान वालों में किसी ने आईजी इलाहाबाद से बात की। तब आईजी इलाहाबाद ने एसपी फिरोजाबाद को एफआईआर दर्ज करवाने का निर्देश दिया। आईजी इलाहाबाद से मिले आश्वासन के बाद विक्टिम के घरवाले एसपी फिरोजाबाद के पास पहुंचे। तब एसपी के कहने पर थाना एका के एसओ ने 19 नवंबर को एफआईआर दर्ज कराई और तभी विक्टिम का मेडिकल भी कराया। मेडिकल की रिपोर्ट अब तक उनको नहीं दी गई है। बड़ी मुश्किल से उन्होंने एफआईआर की फोटो कॉपी निकलवाई है जिसमें सातों आरोपियों के नाम हैं। एफआईआर लिखे हुए 15 दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है। आरोपी खुले घूम रहे हैं।

एसपी नेता का नाम
विक्टिम के घरवालों का कहना है कि पुलिस इसलिए कोई ऐक्शन नहीं ले रही है क्योंकि दलबीर सिंह एसपी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव का करीबी है। रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए फिरोजाबाद से टिकट मिला है। दलबीर सिंह के दम पर अक्षय यादव को 21 गांवों से समुदाय विशेष के लोगों का वोट मिलना पक्का है। इस वजह से दलबीर सिंह को पकड़ना तो दूर, पुलिस उससे इस मामले में पूछताछ तक नहीं कर रही है।

पति ने भी दिया था जहर
विक्टिम के पिता अनुज यादव ने बताया, 'मेरी बेटी शादीशुदा है। 2 महीने से मायके में ही रह रही है। बेटी पैदा होने के बाद उसके शराबी पति ने एक बार उसे जहर देकर मारने की कोशिश की थी। तब से वह मायके में ही रहती है। सोचा था कि यहां वह खुश रहेगी लेकिन यहां तो उसके साथ ऐसा घटना हो गई, जिसे वह जिंदगी भर नहीं भुला सकती।'