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शनिवार, 22 जून 2019

बाडमेर टांके मे डुबने से दो मासूम बच्चों की मौत,तीसरे को ग्रामीणों ने बचाया

बाडमेर टांके मे डुबने से दो मासूम बच्चों की मौत,तीसरे को ग्रामीणों ने बचाया

बाडमेर के शिव थाना क्षेत्र के थुम्बली गांव में वीर सिंह पुत्र जामत सिंह के मकान का कार्य चल रहा था जिसके लिए पानी भराव के लिए अस्थाई टांका निर्माण करवाया गया था टांके के पास वीर सिंह के भांजे स्वरूप सिंह 6 वर्ष,सवाई सिंह 7 वर्ष और भांजी खुशबू 8 वर्ष खेल रहे थे।खेलते खेलते स्वरूप और खुशबू टांके में गिर गए।उन्हें डूबता देख सवाई भी कूद गया।।तीनो डूबने लगे तो आसपास खड़े ग्रामीणों की नजर पड़ी तो उन्हें टांके से बाहर निकाला।तीनो को भाडखा स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां स्वरूप और खुशबू को मृत घोषित किया और सवाई को बाडमेर अस्पताल उपचार के लिए रेफर किया।सवाई का उपचार चल रहा है। ये तीनो गर्मी की छुटियो में अपनी माँ के साथ ननिहाल आये हुए थे।।

बाडमेर मासूम बेटी के साथ मां ने की ट्रेन के आगे कूद आत्महत्या

बाडमेर मासूम बेटी के साथ मां ने की ट्रेन के आगे कूद आत्महत्या


बाड़मेर में एक महिला ने अपनी मासूम बेटी के साथ ट्रेन के आगे कूदकर दी अपनी जान। घटना जसदेर धाम के पास की । महिला का नाम मोहिनी चोधरी , बेटी का नाम हिना बताया जा रहा है । महिला के पास मिला सुसाइड नोट ।घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस और जी आर पी पुलिस मौके पे पहुंची.मामले की जाँच की जा रही हे,शवों की शिनाख्त के बाद पोस्टमर्टम के लिए भेजा गया ,

रविवार, 9 जून 2019

बाड़मेर महाविद्यालयों में रिक्त पद अतिशीघ्र भरे जाएंगेःभाटी

बाड़मेर  महाविद्यालयों में रिक्त पद अतिशीघ्र भरे जाएंगेःभाटी


बाड़मेर ,09 जून। प्रदेश में महाविद्यालयों में रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरा जाएगा। राज्य सरकार इसके लिए प्रयासरत है। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने रविवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवरसिंह भाटी ने स्थानीय लोगों की मांग का जिक्र करते हुए कहा कि आगामी बजट में बाड़मेर के महिला महाविद्यालय को अपग्रेड करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्रो में भी बालिकाओं की शिक्षा के लिए सरकार प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि महाविद्यालयांे मंे रिक्त 832 पदों को भरने के लिए आरपीएससी को अभ्यर्थना भेज रखी है। आचार संहिता की वजह से उन पर कार्य आगे नहीं बढ़ सका था। आने वाले कुछ दिनों में भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अच्छी सरकार चला रहे हैं और सभी वर्ग युवा, किसान, व्यापारी, बेरोजगारों के कल्याण और विकास के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के परिणाम के सवाल पर पत्रकारों से कहा कि लोकतंत्र में हार या जीत सिक्के के दो पहलू है। उन्होंने कहा कि वे जनता के इस फैसले को स्वीकार करते हुए आमजन के हितार्थ कार्य करते रहेंगे। बाड़मेर प्रवास के दौरान उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने विद्यालयों की स्थिति एवं शिक्षा के स्तर के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

रविवार, 23 नवंबर 2014

इतिहास जब सिवाना नरेश ने मरोड़ी अपनी मूंछे. . .और तिलमिला उठे सम्राट अकबर

इतिहास 
जब सिवाना नरेश ने मरोड़ी अपनी मूंछे. . .और तिलमिला उठे सम्राट अकबर
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राव कल्ला रायमलोत की गौरवगाथा
जीत जाँगिड़ सिवाणा
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आगरा के किले में अकबर का खास दरबार लगा हुआ था | सभी राजा, महाराजा, राव, उमराव, खान आदि सभी खास दरबारी अपने अपने आसनों पर जमे हुए थे | आज बादशाह अकबर बहुत खुश था,सयंत रूप से आपस में हंसी-मजाक चल रहा था| तभी बादशाह ने अनुकूल अवसर देख बूंदी के राजा भोज से कहा - "राजा साहब हम चाहते है

आपकी छोटी राजकुमारी की सगाई शाहजादा सलीम के साथ हो जाये |"

राजा भोज ने तो अपनी पुत्री किसी मलेच्छ को दे दे ऐसी कभी कल्पना भी नहीं की थी | उसकी कन्या एक मलेच्छ के साथ ब्याही जाये उसे वह अपने हाड़ावंश की प्रतिष्ठा के खिलाफ समझते थे | इसलिए राजा भोज ने मन ही मन निश्चय किया कि- वे अपनी पुत्री की सगाई शाहजादा सलीम के साथ हरगिज नहीं करेंगे |

यदि ऐसा प्रस्ताव कोई और रखता तो राजा भोज उसकी जबान काट लेते पर ये प्रस्ताव रखने वाला भारत का सम्राट अकबर था जिसके बल, प्रताप, वैभव के आगे सभी राजा महाराजा नतमस्तक थे | राजा भोज से प्रति उत्तर सुनने के लिए अकबर ने अपनी निगाहें राजा भोज के चेहरे पर गड़ा दी | राजा भोज को कुछ ही क्षण में उत्तर देना था वे समझ नहीं पा रहे थे कि - बादशाह को क्या उत्तर दिया जाये | इसी उहापोह में उन्होंने सहायता के लिए दरबार में बैठे राजपूत राजाओं व योद्धाओं पर दृष्टि डाली और उनकी नजरे सिवाना के शासक कल्ला रायमलोत पर जाकर ठहर गयी |

कल्ला रायमलोत राजा भोज की तरफ देखता हुआ अपनी भोंहों तक लगी मूंछों पर निर्भीकतापूर्वक बल दे रहा था| राजा भोज को अब उतर मिल चुका था उसने तुरंत बादशाह से कहा - "जहाँपनाह मेरी छोटी राजकुमारी की तो सगाई हो चुकी है|"

"किसके साथ ?" बादशाह ने कड़क कर पूछा |

"जहाँपनाह मेरे साथ, बूंदी की छोटी राजकुमारी मेरी मांग है |" अपनी मूंछों पर बल देते हुए कल्ला रायमलोत ने दृढ़ता के साथ कहा | यह सुनते ही सभी दरबारियों की नजरे कल्ला को देखने लगी इस तरह भरे दरबार में बादशाह के आगे मूंछों पर ताव देना अशिष्टता ही नहीं बादशाह का अपमान भी था | बादशाह

भी समझ गया था कि ये कहानी अभी अभी गढ़ी गयी है पर चतुर बादशाह ने नीतिवश जबाब दिया _

"फिर कोई बात नहीं | हमें पहले मालूम होता तो हम ये प्रस्ताव ही नहीं रखते |" और दुसरे ही क्षण बादशाह ने वार्तालाप का विषय बदल दिया|

यह घटना सभी दरबारियों के बीच चर्चा का विषय बन गयी| कई दरबारियों ने इस घटना के बाद बादशाह को कल्ला के खिलाफ उकसाया तो कईयों ने कल्ला रायमलोत को सलाह दी आगे से बादशाह के आगे मूंछे नीची करके जाना बादशाह

तुमसे बहुत नाराज है | पर कल्ला को उनकी किसी बात की परवाह नहीं थी | लोगों की बातों के कारण दुसरे दिन जब कल्ला दरबार में हाजिर हुआ तो केसरिया वस्त्र (युद्ध कर मृत्यु के लिए तैयारी के प्रतीक) धारण किये हुए था | उसकी मूंछे आज और भी ज्यादा तानी हुई थी| बादशाह उसके रंग ढंग देख समझ गया था और मन ही मन सोच रहा था - "एेसा बांका जवान बिगड़ बैठे तो क्या करदे |" दुसरे ही दिन कल्ला बिना छुट्टी लिए सीधा बूंदी की राजकुमारी हाड़ी को ब्याहने चला गया और उसके साथ फेरे लेकर आगरा के लिए रवाना हो गया | हाड़ी ने भी कल्ला के हाव-भाव देख और आगरा किले में हुई घटना के बारे में सुनकर अनुमान लगा लिया था कि -उसका सुहाग ज्यादा दिन तक रहने वाला नहीं| सो उसने आगरा जाते कल्ला को संदेश भिजवाया - "हे प्राणनाथ ! आज तो बिना मिले ही छोड़ कर आगरा पधार रहे है पर स्वर्ग में साथ चलने का सौभाग्य जरुर देना |"

"अवश्य एेसा ही होगा |" जबाब दे कल्ला आगरा आ गया | उसके हाव भाव देखकर बादशाह अकबर ने उसे काबुल के उपद्रव दबाने के लिए लाहौर भेज दिया,लाहौर में उसे केसरिया वस्त्र पहने देख एक मुग़ल सेनापति ने व्यंग्य से कहा - "कल्ला जी अब ये केसरिया वस्त्र धारण कर क्यों स्वांग बनाये हुए हो ?" "राजपूत एक बार केसरिया धारण कर लेता है तो उसे बिना निर्णय के उतारता नहीं | यदि तुम में हिम्मत है तो उतरवा दो |" कल्ला ने कड़क कर कहा |

इसी बात पर विवाद होने पर कल्ला ने उस मुग़ल सेनापति का एक झटके में सिर धड़ से अलग कर दिया और वहां से बागी हो सीधा बीकानेर आ पहुंचा | उस समय

बादशाह के दरबार में रहने वाले प्रसिद्ध कवि बीकानेर के राजकुमार पृथ्वीराजजी जो इतिहास में पीथल के नाम से प्रसिद्ध है बीकानेर आये हुए थे,कल्ला ने उनसे कहा - "काकाजी मारवाड़ जा रहा हूँ वहां चंद्रसेनजी की अकबर के विरुद्ध सहायतार्थ युद्ध करूँगा | आप मेरे मरसिया (मृत्यु गीत) बनाकर सुना दीजिये|" पृथ्वीराज जी ने कहा -"मरसिया तो मरने के उपरांत बनाये जाते है तुम तो अभी जिन्दा हो तुम्हारे मरसिया कैसे बनाये जा सकते है|"

"काकाजी आप मेरे मरसिया में जैसे युद्ध का वर्णन करेंगे मैं आपको वचन देता हूँ कि मैं उसी अनुरूप युद्ध में पराक्रम दिखा कर वीरगति को प्राप्त होवुंगा।" कल्ला ने दृढ निश्चय से कहा |

हालाँकि पृथ्वीराजजी के आगे ये एक विचित्र स्थिति थी पर कल्ला की जिद के चलते उन्होंने उसके मरसिया बनाकर सुनाये | कल्ला अपने मरसिया गुनगुनाता जब मारवाड़ के सिवाने की तरफ जा रहा था तो उसे सूचना मिली कि अकबर की एक सेना उसके मामा सिरोही के सुल्तान देवड़ा पर आक्रमण करने जा रही है| कल्ला उस सेना से बीच में ही भीड़ गया और बात की बात में उसने अकबर की उस सेना को भागकर लुट लिया | इस बात से नाराज अकबर ने कल्ला को दण्डित करने जोधपुर के मोटा राजा उदयसिंह को सेना के साथ भेजा |

मोटाराजा उदयसिंह ने अपने दलबल के साथ सिवाना पर आक्रमण किया जहाँ कल्ला अद्वितीय वीरता के साथ लड़ते हुए

वीरगति को प्राप्त हुआ | कहते है कि "कल्ला का लड़ते लड़ते सिर कट गया था फिर भी वह मारकाट मचाता रहा आखिर घोड़े पर सवार उसका धड़ उसकी पत्नी हाड़ी के पास गया,उसकी पत्नी ने जैसे गंगाजल के छींटे उसके धड़ पर डाले उसी वक्त उसका धड़ घोड़े से गिर गया जिसे लेकर हाड़ी चिता में प्रवेश कर उसके साथ स्वर्ग सिधार गयी| आज भी उनकी स्मृति में सिवाना दुर्ग पर हर वर्ष मेला लगता हैं और सिवानावासी उनकी समाधी पर श्रद्धा से शीश झुकाते हैं|

आज भी राजस्थान में मूंछों की मरोड़ का उदाहरण दिया जाता है तो कहा जाता है-

"मूंछों की मरोड़ हो तो कल्ला रायमलोत

जैसी |"

रविवार, 27 जुलाई 2014

बाड़मेर जल चेतना के लिए जाग रहा है हर गाव

 जल चेतना के लिए जाग रहा है हर गाव  



- जिले के बच्चों के लिए ख़ास आयोेजन 
- बचत की बात रैली और चित्रकला से  
बाड़मेर

देश के आने वाले कल का ऑफर कहे जाने वाले बच्चे इन दिनों पानी की बचत पर गंभीर नजर आ रहे है। जिले भर में कई आयोेजनो के माध्यम से मासूम अपनी बात आम जनता के सामने रख रहे है।  अपने मासूम हाथो से जहा बच्चे पानी को लेकर अपनी चिंता को को रंग दे रहे है वही हर गाव मे रैली का आयोेजन कर यही बच्चे गली-गली जल बचाओ का नारा बुलंद कर रहे है और इन सभी का आधार बन रहा हैसरकार का राष्ट्रिय ग्रामीण पेयजल कार्यकर्म। 
सीसीडीयू
हर गाव से एक विजेता 
जिले के हर गाव मे आयोजित किये जाने वाले राष्ट्रिय ग्रामीण पेयजल कार्यकर्म के इन आयोजनो की श्रेणी मे आयोजित की जा रही चित्रकला प्रतियोगिता मे विधलय स्तर पर प्रथम आने वाले विधार्थियो को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जा रहा है साथ ही इन आयोजनो के समापन पर सभी चित्रो मे से एक सर्वश्रेष्ठ चित्र को जिले का प्रथम पुरुष्कार दिया जायेगा साथ ही उस प्रविष्टि को राज्य स्तर पर भेजा जायेगा जिनमे से राज्य का सबसे उम्दा चित्र को  जिसे जयपुर मे आयोजित  होने वाले समारोह मे सम्मानित किया जायेगा।  
हर समूह तक चेतना की बात 
 राष्ट्रिय ग्रामीण पेयजल कार्यकर्म से हर गाव में  पानी की उपलब्धता हो इसके लिए  काम कर रही सरकार इस बात का विशेष ध्यान दे रही है की हर गाव  वाले दिनों में पानी को लेकर शुरू होने  वाले काम में जनता की सक्रीय भागीदारी है। इस लिए हर गाव में गाव चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। इस चौपाल में गाव वालो से ही इस बात की जानकारी ली जा रही है की गाव में पानी के स्रोत कौन कौन  से है और गाव में मौजूदा पानी के हालत क्या है।  आने वाले दिनों में सदूर  ग्रामीण इलाके तक आम जनता के साथ साथ पशुधन के लिए भी बेहतर पानी की आवश्यकता कैसे पूरी हो इसके लिए सभी  बाते गाव वालो से ही पूछी जा रही है जो है की  हर गाव के लिए आने वाले दिनों में बेहतर योजना को धरा पर उतरा जा पाये। 
प्रभावी निरक्षण बना ख़ास 
इस कार्यकर्म को जनता के बीच पहुचने के साथ साथ इस कार्यकर्म की गुणवत्ता और जन संवाद पर बल दिया जा रह है।राष्ट्रिय ग्रामीण पेयजल कार्यकर्म के अंतर्ग्रत बाड़मेर  380 ग्राम पंचायतो पर किये जा रहे काम की गुणवत्ता और सही मायने में काम की सफलता के लिए पुरे प्रयाश किये जा रहे है।बाड़मेर में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता ओ पी व्यास द्वारा इस योजना का गहनता से ध्यान दिया जा रहा है साथ ही विभाग के कारिंदो और अधिकारियो के साथ साथ सी सी डी यू की जिला इकाई के परामर्श दाताओ द्वारा निरक्षण किया जा रहा है।


इनका कहना है -
बाड़मेर जिले में फिल्म प्रदर्शन , नुक्क्ड़ नाटक और समूह चर्चा से गाव वालो में जल चेतना की बात मुखर की जा रही है उसी कर्म मे अब जिले के कई गावो मे स्कुल रैली और चित्रकला प्रतियोगिताओ का आयोेजन किया जा रहा है।  इन आयोेजनो के  साथ ही गाव वालो को उनले अपने मौजूद जल आधारो के बारे में भी विस्तार से बताया जा रहा है साथ ही में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा इस कार्यक्रम का सटीक निरक्षण किया जा रहा है। 
- हुकुमसिंह राजपुरोहित
राज्य परामर्शदाता,  जल गुणवत्ता सीसीडीयू
राष्ट्रिय ग्रामीण पेयजल कार्यकर्म के अंतरगर्त जिले के कई ब्लाक मे इन आयोेजनो को किया जा रहा है।  इन आयोेजन से हर वर्ग हर तबके को जोड़ा गया है  जिससे जल चेतना की बात प्रभावी तरीके किसी तक पहुंच रही है साथ ही जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता ओपी व्यास की देखरेख प्रभावी नजर आ रहे है ।इस योजना में गाव-गाव जाकर जनता को पानी को लेकर जनजागरण का कार्य सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग द्वारा किया जा रहा है। 
- अशोकसिंह राजपुरोहित
आईईसी  परामर्शदाता, सीसीडीयू

बाड़मेरदलित गर्भवती महिला के साथ मारपीट,घायल गर्भवती महिला बाड़मेर रेफर

बाड़मेर दलित गर्भवती महिला के साथ मारपीट,घायल गर्भवती महिला  बाड़मेर रेफर


बायतू--बाड़मेर जिले के बायतू थाना क्षेत्र के अंतर्गत सेवनियाला गांव में शनिवार को भूमि विवाद में एक गर्भवती महिला के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की जिससे महिला घायल हो गई। उसे उपचार के लिये बायतू सामुदायिक अस्पताल लाया गया जहां से बाड़मेर रैफर कर दिया।

बायतू थानाधिकारी मनोज मूंढ ने बताया कि किशना राम पुत्र राऊ राम मेगवाल निवासी सेवनियाला ने मामला दर्ज करवाया कि वह अपनी पत्नी बादली देवी के साथ खेत पर काम कर रहा था तभी वहाँ पर एक महिला सहित पांच लोग लाठी व धारदार हथियार लेकर आए। उन्होंने खेत में प्रवेश कर उससे व उसकी पत्नी के साथ मारपीट की तथा जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया। उसकी पत्नी बादली देवी गर्भवती होने की वजह से गम्भीर घायल हो गई। जहाँ से उसे बाडमेर रैफर कर दिया। पुलिस ने मारपीट लज्जाभंग व एससी,एसटी ़एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी।

बुधवार, 23 जुलाई 2014

बाड़मेर। -चार अगस्त तक बनाए जा सकेंगे खाद्य लाइसेंस

दस दिन शेष, फिर होगी कार्रवाई

बाड़मेर। -चार अगस्त तक बनाए जा सकेंगे खाद्य लाइसेंस

बाड़मेर। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत दुकानों व खाद्य संस्थानों के बनने वाले खाद्य लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया जारी है। विभाग द्वारा निर्धारित तिथि चार अगस्त के बाद विभाग द्वारा बिना लाइसेंस के दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में विभाग की बुधवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. फूसाराम बिश्नोई ने संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों की बैठक लेकर ज्यादा से ज्यादा खाद्य लाइसेंस बनाने के निर्देश दिए।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी भूराराम गोदारा ने बताया कि बैठक में पूर्व में बने खाद्य लाइसेसों और भविष्य में बनने वाले लाइसेंसो के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। वहीं आगामी दिनों में विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की रूपरेखा भी तैयार की गई ताकि कोई भी खाद्य पदार्थ बेचानकर्ता बिना लाइसेंस के न रह सके। उन्होंने बताया कि लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया तेज गति से जारी है और आवेदन करने के साथ ही जल्द से जल्द लाइसेंस बनाकर दिए जा रहे हैं। केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण आॅफ इंडिया के आदेशानुसार चार अगस्त 2014 तक खाद्य पंजीकरण व लाइसेंस अनिवार्य है। इस तिथि के बाद लाइसेंस नहीं लेने वाले कोई भी खाद्य सामग्री से संबंधित कारोबार नहीं कर सकेंगे। ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अनिधियम 2006 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

बाड़मेर।पुरस्कार वितरण समारोह कल

बाड़मेर।पुरस्कार वितरण समारोह कल
-स्वास्थ्य विभाग कार्मिकों का करेगा प्रोत्साहन

बाड़मेर। परिवार कल्याण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों और जनसंख्या पखवाड़ा के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता रहे प्रतिभागियों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुक्रवार को जिला स्वास्थ्य भवन में पुरस्कृत किया जाएगा। जिला स्तरीय इस समारोह में स्वास्थ्य विभाग, स्माईल फाउंडेशन और केयर्न इंडिया की ओर से प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिन्ह दिए जाएंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. फूसाराम बिश्नोई ने बताया कि उत्कृष्ट कार्य करने पर बीसीएमओ डाॅ. चंद्रशेखर गजराज, डाॅ. महेश गौतम, डाॅ. शंभुराम गडवीर, डाॅ. आरआर सुथार, पीएचसी प्रभारी डाॅ. विष्णु प्रसाद, आयुष चि. डाॅ. नंदा ताई, डाॅ. हेमंत चैधरी, आयुष कंपाउडर श्री संतोष शर्मा, मेल नर्स पूंजराज, जगदीश, रामलाल गोदारा, धनराज, जीएनएम सुराराम, अम्बाराम, एलएचवी देवी बिश्नोई, सुशीला, एएनएम बाली चैधरी, कमला बिश्नोई, रूसिया शर्मा, सुनीता चैधरी, मुन्नी जांगिड़, पवनी, कमलेश, विमला, राजकला, भंवरी चैधरी, धीरजबाला, दुर्गेश, लीला चैधरी, किरण, शाहिन अंजुम और आशा सहयेागिनी जेतना, गायत्री, कमला, दरिया, गंगा व गोमीदेवी को सम्मानित किया जाएगा। इसी तरह पोस्टर प्रतियोगिता में सूरजकला, कृष्णा वडेरा व गोमती मोसलपुरिया, निबंध प्रतियोगिता में दीपिका शर्मा, उमा यादव व तनुता सेजु, महेंदी प्रतियोगिता में किरण, सुमन, मोनिका व उर्मिला, भाषण प्रतियोगिता में पूनम जांगिड़, सूरजकला व पेंपोदेवी, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में अमरारा, मोतीलाल, हनुमानराम, बीजाराम, भूराराम व महिपाल, पोस्टर प्रतियोगिता (नशा मुक्ति) में मोहनलाल, मोनिका, व किरण शर्मा और ओपन पोस्टर प्रतियोगिता में उषा पुत्री पांचाराम और समुंद्रसिंह पुत्र कोशलासिंह सोढ़ा को पुरस्कृत किया जाएगा।

शनिवार, 19 जुलाई 2014

बाड़मेर दबंग आयुक्त ने बदली शहर की फ़िज़ा ,करोडो की जमीन अतिक्रमण मुक्त कराई

बाड़मेर दबंग आयुक्त ने बदली शहर की फ़िज़ा ,करोडो की जमीन अतिक्रमण मुक्त कराई


बाड़मेर शहर में लम्बे अरसे बाद युवा आयुक्त जोधाराम विश्नोई ने अतिकर्मियो को आँखे दिखाई ,वर्ना बाड़मेर में आयुक्तों से मेल मिलाप कर भूमाफिया अपना कारोबार बड़झा ही रहे थे जिसमे आयुक्तों की चंडी खूब हुई ,मगर नए नियुक्त आयुक्त ने शुक्रवार को शहर से करोडो रुपयो की सरकारी जमीन अतिक्रमण मुक्त करा बाड़मेर की जनता को भूमाफियो से राहत दी ,बाड़मेर की जनता को लम्बे अरसे बाद ऊर्जावान और निष्ठावान आयुक्त मिला। जोधाराम विश्नोई के पदभार ग्रहण से पहले नगर परिषद नरक परिषद बन गया था उनके पदभार ग्रहण के दस दिन बाद ही बाड़मेर शहर की गलियो में सफाई कर्मी दिखने लगे बाकायदा काम करते हुए ,नलियो और सडको की सफाई हुए अरसा बीत गया था ,बच्छो के लिए एक मात्र बगीचा महावीर पार्क में विकास कार्य शुरू होना बड़ी उपलब्धि हह। नए आयुक्त से बाड़मेर की जनता को अपेक्षाएं हैं जिन पर वो खरा उतरेंगे ,बाड़मेर शहर विकास के मामले में काफी पिछड़ा हैं ऐसा नहीं की विकास कार्य , विकास के करोडो रुपये के काम कागजो में पूर्ण हो गए ,कच्ची बस्तिया आज भी विकास को तरस रही हैं। शहर में अँधेरे का राज हैं ,आयुक्त शहर का भरमन करते हुए दिखे हैं अच्छा लगा ,जब अधिकारी अच्छा प्रशासक हो कार्मिक अपने आप सुधरते हैं ,मगर आयुक्त उन कार्मिको सेबचे जो आयुक्त को अपने आप में ढाल देने की कला में माहिर हैं।


बाड़मेर शहर में अभी काफी सरकारी जमीनो पर भूमाफियो का कब्ज़ा हैं ,इन कब्जो को हटाने का सहस भी दिखाना होगा ,महावीर नगर जैसे इलाके में दो करोड़ का सरकारी भूखंड अतिकर्मियो के कब्ज़े में हैं। ऐसे कई उदहारण हैं। खैर आशा हे सब अच्छा होगा ,


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शनिवार, 5 जुलाई 2014

बाड़मेर समसुद्दीन रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी का हिस्सा तो नहीं ?प्रशिक्षित आंतकवादी तो नहीं ?


बाड़मेर समसुद्दीन रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी का हिस्सा तो नहीं ?प्रशिक्षित आंतकवादी तो नहीं ?


बाड़मेर चार रोज पूर्व भारत पाकिस्तान सरहद पर स्थित अंतराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन मुनाबाव की टोह लेते पकड़ा गया बांग्ला देशी कट्टरपंथी युवक सम्मासुदीन आंतकवादी गतिविधि को अंजाम देने आया था,उसके साथ कितने साथी बाड़मेर में रह रहे हैं , ख़ुफ़िया एजेंसियों के दिमाग में घूम रहा हैं। समशुदीन के पकडे जाने के बाद बाड़मेर सहित राजस्थान के दस रेलवे स्टेशनों को उड़ने की धमकी मुस्लिम कट्टरपंथी आंतकवादी संगठनो से मिलना साज़िश का एक हिस्सा लगती हैं ,


सम्शुद्दीन पर गहराया शक ?
शम्शुद्दीन पुत्र सल्लाउद्दीन सप्ताह पहले मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर सीमा सुरक्षा बल के हत्थे चढ़ा था ,चूँकि वह रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया था इसीलिए उसे रेल वे पुलिस को सुपुर्द किया गया ,उसके पास पाकिस्तानी सिम थी जिसे उसने तत्काल तोड़ कर नष्ट करने का प्रयास किया। सवाल यह उठता हेमन की मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर देश की आधा दर्जन से अधिक ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसिया कार्य करती हैं ,इनसे आँख बचा कर सम्शुद्दीन मुनाबाव रेलवे स्टेशन पहुंचा कैसे ,पहुंचा तो स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसे क्यों नहीं पकड़ा ,सम्शुद्दीन पकडे जाने के बाद बाड़मेर लाया गया मगर वह रेलवे देकर भगा गया। चार दिन बादफ उसे पुनः पकड़ा ,इन चार दिनों मरे वह कहा पनाह लिए था इसकी तहकीकात जरुरी हैं। सम्शुद्दीन बाड़मेर में ही रेलवे कुआं नंबर तीन के पास स्थित एक मदरसे में रह कर मौलवी बन कर कार्य करता रहा सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी ,


देवबंद से प्रशिक्षित हे सम्शुद्दीन?

पकड़ा गया बांग्लादेशी सम्शुद्दीन सहारनपुर में देवबंद के मडराओ में प्रशिक्षित मौलवी हैं ,उसने उर्दू जुबान और शिक्षा वाही से प्राप्त की ,सम्शुद्दीन के हाव भाव और व्यव्हार से साफ़ लगता हैं की वह बाड़मेर जिले में किसी गतिविधि को अंजाम देने आया था। उसके कुछ साथी बाड़मेर जिले के विभिन स्थानो पर होने की संभावना हैं। सम्शुद्दीन बाड़मेर में लम्बे समय से रह रहा था ,आखिर किस उद्देश्य से वह बाड़मेर ठहरा था ,


आंतकवादी संगठनो की धमकी , तो उन्होंने की हे तैयारी ?


बाड़मेर सहित राजस्थान के दस रेलवे स्टेशनों को उड़ने की आंतकवादी संगठनो की धमकी से साफ़ हैं की वो इन क्षेत्रो में अपने गुर्गे उतार चुके हैं जो धीरे धीरे तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं। इन आंतकवादी संगठनो के प्रशिक्षित लोग आम लोगो के साथ रह कर कार्य कर रहे हैं ,सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियों को इसकी भनक नहीं ,सम्शुद्दीन किसी भी तरह से बंगलादेशी प्रतीत नहीं होता , फिर उसका भारतीय निर्वाचन आयोग से पहचान पात्र कैसे बना बड़ा सवाल हैं।

सरहद पर कट्टरता का पाठ क्यों?

भारत पाकिस्तान की सीमा पर बेस बाड़मेर जिले में कोई साढ़े पांच सौ मदरसे संचालित हो रहे हैं ,इन मदरसो में बाहरी प्रांतो के मुल्ला मौलवी कार्य कर रहे हैं ,इन लोगो के बारे ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसियों को कोई जानकारी नहीं ,सरहदी इलाको में यह लोग धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ा रहे हैं। सरहदी क्षेत्र के मुस्लिम परिवारो के पारम्परिक जीवन शैली में पिछले पांच सालो तेजी से बदलाव आया हैं। सम्शुद्दीन जैसे सेकड़ो संदिग्ध मदरसो में कार्य ,जिससे देश की सरहद की सुरक्षा को हैं। इन बाहरी प्रांतो के मौलाना मौलवियो बाड़मेर में भारतीय निर्वाचन आयोग से मतदाता पहचान पात्र भी हासिल कर लिए , जिसकी जाँच होना जरुरी हैं ,फ़िलहाल उसे जयपुर पूछताछ के लिए ले जाया गया हैं।





रविवार, 29 जून 2014

बाड़मेर सिन्धासवां के राशन डीलर की बदमाशी के आगे प्रशासन लाचार ,ग्रामीण परेशान

बाड़मेर सिन्धासवां के राशन डीलर की बदमाशी के आगे प्रशासन लाचार ,ग्रामीण परेशान 
बाड़मेर राशन डीलर की बदमाशी से परेशान सिन्धासवां के नागिरिक ,तीन बार निलंबित हुआ डीलर फिर बहाल ,नकली नोट चलने के जुर्म में जेल जा चूका डीलर

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर के गुड़ा मालानी क्षेत्र के सिधासवा हर्नियां के लोग राशन डीलर की दादागिरी से परेशान हैं ,जिला रषद अधिकारी से लेकर जिला कलेक्टर तक के दरवाजे न्याय की आस में खटखटाने के बावजूद राशन डीलर के खिलाफ कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गयी ,आदतन अपराधी किस्म के इस राशन डीलर को सत्ताधारी जान प्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त होने के कारन प्रशासनिक अमला कोई कार्यवाही नहीं कर रहा ,सिन्धासवां के ग्रामीणो का एक दल जिला कलेक्टर से मिलकर डीलर की मनमानी के बारे में विस्तृत जानकारी दी ,कलेक्टर ने आश्वासन भी दिया मगर कोई कार्यवाही नहीं हुई ,ग्रामीणो ने बताया की सिन्धासवा स्थित राशन डीलर गंगाराम के पास लुम्भावास और जुडी के राशन धरियो को सामग्री देने का भी जिम्मा हैं। इस दुकान पर 786 उपभोक्ता पंजीबद्ध हे जिन्हे राशन सामग्री वितरित की जनि होती हैं ,मगर राशन डीलर की मनमानी और दादागिरी के चलते सामग्री से वंचित रखा जाता हैं ,ग्रामीणो द्वारा पूर्व में शिकायत करने पर डीलर दोषी पाया गया उसका लाइसेंस 2012 और 2013 में निलंबित किया गया मगर राजनितिक पहुँच के चलते फिर बहाल किया गया ,इस बार फिर इसे बहाल किया गया मगर इसके द्वारा ग्रामीणो को सामग्री का वितरण नहीं करने के कारन ग्रामीणो में रोष और आक्रोश हैं ,ग्रामीण इस दुकानदार को हटाने के लिए रसद अधिकारी , अधिकारी ,तहसीलदार ,और जिला कलेक्टर से गुहार कर चुके हैं मगर किसी भी स्तर पर ग्रामीणो की सुनवाई नहीं हो रही ,राशन डीलर अपराधी प्रवर्ति का हैं ,डीलर नकली नोट प्रकरण में जेल जा चुका हैं ,इसके बावजूद उसका लाइसेंस निलंबित नहीं किया गया।
ग्रामीणो ने जिला कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया की यदि डीलर को तत्काल हटाया नहीं गया तो जान आंदोलन करेंगे ,धरना और प्रदर्शन किया जायेगा ,


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मंगलवार, 20 मई 2014

बाड़मेर मोकलसर के जूती निर्माण में लगे कुटीर उद्योग को प्रशासनिक संरक्षण की दरकार

तकनीकी होड़ में पिछड़ रहा है हाथ का हुनर
बाड़मेर मोकलसर



आधुनिकता की दौड़ में लोग का जूतियों से मोहभंग होने व चमड़े के दाम बढऩे से जूती उद्योग पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। जूतियों के उचित दाम नहीं मिलने से मोकलसर का पुश्तैनी जूती उद्योग दम तोड़ता नजर आ रहा है।
वर्तमान के इस फैशन के दौर में विभिन्न कंपनियों के जूतों का प्रचलन बढऩे से लोगों को चमड़े की जूतियों के प्रति क्रेज कम हो गया है। एक समय था जब मोकलसर की जूती की मांग दूर-दूर तक थी तथा लोगों की पहली पंसद भी। लेकिन अब जूती के शौकीनों की संख्या कम हो गई है। चमड़े के दाम बढऩे एवं जूतियों के उचित दाम नहीं मिलने से जूती बनाने कारीगरों के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में कई लोगों ने जूती बनाने का काम ही छोड़ दिया है तथा दूसरे कामों की ओर रुख कर लिया है। इस महंगाई के दौर में कई कारीगर शहरों की ओर पलायन कर लिए हैं। गांवों में चमड़े की वस्तु तैयार करने में 50 से 100 रुपए प्रतिदिन मुश्किल से कमा पाते हैं। ऐसे में उनके घर का खर्च व बच्चों का पालन-पोषण भी संभव नहीं है।

तकनीक की मार संरक्षण की दरकार
 

 गांवों में काम करने वाले कारीगरों के साथ महिलाएं भी इस काम में हाथ बढ़ाती हैं। महिलाएं घर में समूह के रूप में कसीदा का कार्य करती हैं। जिसमें वस्तु पर करीब दो दिन लग जाते हैं। ऐसे में गांवों में काम करने वाले कारीगरों के रोजगार पर संकट पैदा होने लगा हैं।



॥वर्तमान समय में चमड़ा महंगा हो गया है। वहीं चमड़े की वस्तुएं बनाने में मेहनत भी अधिक लगती है। ऐसे में मांग की अनुरूप दाम नहीं मिल पाते है। वहीं मशीनों से भी वस्तुओं का क्रय अधिक होने लगा है। ऐसे में परंपरागत रूप से व्यवसाय बंद होने की कगार पर है।
- नाथूराम जीनगर, कारीगर, मोकलसर।

क्षेत्र के मोकलसर, मायला वास, राखी, खंडप, पादरू एवं आसपास के गावों में ही महज आठ से दस परिवार ही चमड़ा व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। अकेले मोकलसर कस्बे में 20 परिवार चमड़ा कुटीर उद्योग का कार्य करते थे। लेकिन अधिकांश परिवारों ने चमड़ा कुटीर उद्योग का कार्य छोड़ दिया है। अब इस प्रशासनिक संरक्षण की दरकार है।









मंगलवार, 13 मई 2014

बाड़मेर शराब से भरे ट्रक लूट की वारदात का पर्दाफास,एक गिरफ़्तार



बाड़मेर शराब से भरे ट्रक लूट की वारदात का पर्दाफास,एक गिरफ़्तार 



बाड़मेर   भीमसिंह पुत्र श्री पर्बतसिह जाति राजपुत निवासी सरदारपुरा बाडमेर हाल डिपो मैनेजर राजस्थान राज्य बेवरेज निगम बाडमेर ने उपस्थित थाना होकर एक लिखित रिपोर्ट इस आष्य की पेष की कि तारीख 07.05.14 को श्री रामनिवास ड्राईवर ट्रक ट्रबो 12 चक्का मे 1860 पेटी बुलेट बीयर की युनाईड ब्रेवरीज विसोम शेरे खुर्द भिवाडी अलवर से भरकर बाडमेर आबकारी गोदाम ट्रक लाया जहां खाली करने की जगह नही हेाने से ड्राईवर रामनिवास ने रविवार को सांय गोदाम के आगे ट्रक खडा करके खाना खाकर ट्रक मे सोया हुआ था जिसे रात्री के समय अज्ञात मुलजिमानो ने ट्रक को माल सहित लूटकर ड्राईवर का अपहरण करके ले गये । शराब की कीमत लगभग 13 लाख है। वगैरा रिपोर्ट पर अपराध संख्या 170 को  सोमवार  धारा 365,392 भादस पुलिस थाना कोतवाली बाडमेर मे दर्ज कर अन्वेषण शुरु किया गया।
जिला पुलिस अधीक्षक हेमंत शर्मा के निर्देषानुसार   ओमप्रकाष गौतम वृताधिकारी वृत बाडमेर के नेतृत्व मे श्री कैलाषचन्द्र मीणा नि0पु0 थानाधिकारी पुलिस थाना कोतवाली बाडमेर ,श्री आनन्दसिह नि0पु0 थानाधिकारी सदर , श्री राजेन्द्र उ0नि0 थानाधिकारी थाना गिड़ा की पुलिस टीम गठित कर अज्ञात माल मुलजिमानो की तलाष शुरु की गई। दौराने तलाष थानाधिकारी गिडा को मुखबिर द्वारा सूचना मिली की काष्मीर गांव की सरहद मे एक गोपनीय स्थान पर पत्थर की खानो मे लूटी गई शराब रखी हुई है जिस पर थानाधिकारी गिड़ा तथा कोतवाली थाना से पुलिस टीम रवाना हुई तथा मौके पर 1708 कैरेट बीयर पुलिस ने जब्त किये आस पास मे तलाषी करने पर शराब के परिवहन करने मे इस्तमाल बिना नम्बरी ट्रेक्टर ट्रोली सहित को भी पुलिस ने जब्त किया ट्रेक्टर की ट्रोली मे 26 कैरेट बीयर भी जब्त की । बाडमेर शहर मे एक संदिग्ध स्काॅर्पियो बिना नम्बरी बी0एन0सी0 चैराहा के पास से जब्त की गई। उक्त स्काॅर्पियो को अपराधीयो द्वारा घटना मे प्रयुक्त किया गया था बाद दोपहर अपहर्त ट्रक ड्राईवर रामनिवास निवासी फतेहपुर जिला अलवर बाडमेर कोतवाली थाना पहुंचा जिसने सम्पूर्ण घटना की जानकारी की रिपोर्ट पेष की।
आज दिनांक 13.05.2014 को मुखबीर की सूचना पर अभियुक्त जगदीष पुत्र रावताराम जाति जाट उम्र 20 साल निवासी काष्मीर को बाडमेर शहर के बलदेव नगर से एक मकान मे दबिष देकर गिरफ्तार किया गया जिसे बापर्दा रखा गया । प्रकरण मे शेष मुलजिमानो की गिरफ्तारी एंव ट्रक की तलाष हेतु पुलिस टीमे गठित कर तलाष की कार्यवाही सरगर्मी से जारी है।


रविवार, 4 मई 2014

बाड़मेर:अनूठी है कौड़ी कला की हस्तशिल्प विरासत

अनूठी है कौड़ी कला की हस्तशिल्प विरासत
: चंदन भाटी
 


बाड़मेर: एक जमाने में मुद्रा के रूप में उपयोग की जाने वाली कौड़ियों को वर्तमान में बहुत उपयोगी नहीं माना जाता। आज ‘कौड़ियों के भाव’ मुहावरे का अर्थ किसी चीज को बहुत सस्ते में खरीदना या बेचना माना जाता हैं। कभी मूल्यवान रहीं ये कौड़ियां धीरे-धीरे घर-परिवारों से लुप्त होती जा रही हैं, लेकिन राजस्थातन के बाड़मेर जिले के हस्तशिल्पियों ने अपनी सृजनात्मक ऊर्जा के बल पर कौड़ियों को साज-सज्जा के एक अद्भुत साधन का रूप प्रदान करने का सफल प्रयास किया है।

बाड़मेर जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर स्थित देरासर गांव की रामदियों की बस्ती की हस्तशिल्पी श्रीमती भाणी, मिश्री खां व उनके साथियों ने कौड़ियों का नया संसार रच डाला है। कौड़ियों को रंग-बिरंगे धागों, झालरों को बारीक कसीदे और गोटों से खूबसूरती से गूंथकर पशुओं के श्रृंगार तथा घरेलू सौन्दर्य को बढ़ाने के लिए इस्ते माल किया जाता रहा है। लेकिन, आधुनिक जरूरतों को देखते हुए हस्तशिल्प को विस्तांर देने और उसके लिए बाजार बनाने का प्रयास हो रहा है।

इस गांव के ज्यादातर हस्तशिल्पी मुसलमान (रामदिया) हैं तथा पशुपालन व विक्रय धंधा करते हैं। 95 घरों वाले इस गांव में पच्चीस घर रामदिया मुसलमानों के हैं, जो गुजरात और महाराष्ट्र के विभिन्न पशु मेलों में शरीक होकर पशु क्रय-विक्रय का धंधा करते हैं। ऐसे ही एक मेले में मिश्री खां अपनी पत्नी भाणी के साथ गुजरात गए, जहां ऊंट और घोड़ों के श्रृंगार को देखकर बेहद प्रभावित हुए। बैलों के श्रृंगार के लिए कौड़ियों की बनी मोर कलिया, गेठिये, घोडी के श्रृंगार के लिए मृणी लगाम, गोडिए, त्रिशाला और ऊंटो के लिए बने पऊछी गोरबन्ध मुहार, मोर आदि कौड़ी कला को देखकर आधुनिक नमूने तैयार करने के विषय में पूछताछ कर यहीं से इस दम्पति ने नई जिन्दगी की शुरूआत की।

भाणी का पुश्तैनी कार्य कांच-कसीदाकारी का तो था ही, साथ ही भाणी ने इसी दौरान कौड़ी काम भी सीख लिया। पशु श्रृंगार की सामग्री के साथ-साथ भाणी ने गुडाल तथा अन्य झोपडों के लिए तोरण-तोरणिएं तथा अपाण के पलों पर कडों कौड़ी, खीलण कांच और भरत का कार्य करने में भी महारत हासिल कर ली। मुसलमान, मेघवाल आदि जातियों की शादियों पर कौड़ियों वाले मोर पर तो आज भी गांव वाले मोहित हैं। भाणी ने परम्परागत कौड़ी कला कार्य इण्डाणी गोरबन्ध के साथ-साथ इसी कला के थैले, पर्स बनाने आरम्भ कर दिए।

हस्तशिल्पी बताते हैं कि कौड़ी कला युक्त इण्डाणियों की मांग शहर में बहुत हैं। शहर वाले परम्परागत इण्डानियों को देखकर मोहित हो जाते हैं। भाणी झालर वाली, बिना झालर वाली और बिना फुन्दी वाली इण्डाणी बनाती हैं। झालर वाली इण्डाणी बीस इंच लम्बी होती हैं, जिसके कारण शिल्पकार को इसे तैयार करने में तीन दिन लग जाते हैं। इस इण्डाणी में आधा किलो कौड़ी और लगभग डेढ़ सौ ग्राम ऊन लग जाता है। बिना झालर व फुन्दे वाली इण्डाणी एक ही दिन में तैयार हो जाती हैं। इसमें 100-125 ग्राम कौड़ी का उपयोग होता हैं। बिना झालर व फुन्दी वाली इण्डानी बनाने में एक दिन का समय लगता हैं।

झालर वाली इण्डाणी में मूंजवाली रस्सी को गोलकर कपड़े से सिलाई कर दी जाती है और कौड़ी में बंद करके उसे कपड़े पर सील दिया जाता है। कौड़ी कला के कद्रदान आज कम बचे हैं। सरकारी स्तर पर इन हस्तशिल्पियों को सरंक्षण नहीं मिलने के कारण ये फाकाकशी में दिन गुजार रहे हैं। कौड़ी कला के हस्तशिल्पी देश भर में कम ही बचे हैं। मिश्री खान को दाद तो खूब मिलती है, मगर दो जून की रोटी का जुगाड़ करने में कोई मदद नहीं करता।



मंगलवार, 29 अप्रैल 2014

बाबा रामदेव के खिलाफ बाड़मेर मे इस्तगासा दायर

बाबा रामदेव के खिलाफ बाड़मेर मे  इस्तगासा दायर

दलित महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का मामला

दलित संगठनों ने बयान की निंदा कर जताया रोष


बाड़मेर, 29 अप्रैल।

योग गुरू बाबा रामदेव द्वारा 25 अप्रैल को अपने एक बयान में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को दलित बस्तियों में जाने को लेकर दलित महिलाओं के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी एवं आपत्ति जनक बयान को लेकर बाड़मेर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कार्यालय में इस्तगासा दायर हुआ हैं। मामले की अगली सुनवाई 5 मई को तय की गई हैं। वहीं बाबा रामदेव के बयान को लेकर मंगलवार को विभिन्न दलित संगठनों ने निंदा करते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की।

मंगलवार को भारमलराम पुत्र महेन्द्राराम मेघवाल निवासी नेहरू नगर बाड़मेर ने मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट के समक्ष एक परिवाद प्रस्तुत करते हुए बताया कि योग गुरू बाबा रामदेव ने अपने एक बयान में कांग्रेस उपाध्यक्ष के दलित बस्तियों के दौरे को लेकर आपति जनक बयान जारी करते हुए दलित महिलाओं के प्रति अभद्र टिप्पणी की। बाबा रामदेव ने कहा था कि राहुल गांधी दलित गांवो मंे हनीमून मनाने जाते हैं। उनकी इस टिप्पणी से पूरे दलित समाज को आघात लगा हैं। उन्होंने इस बयान को लेकर बाबा रामदेव को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्यवाही कर कड़ी सजा दी जाए। भारमलराम के अधिवक्ता नवलकिशोर लीलावत ने बताया कि बाबा रामदेव का दलित महिलाओं को लेकर जारी बयान आईपीसी की धारा 295 एवं 365 के तहत आता हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को निर्धारित की गई हैं।

विभिन्न संगठनों ने रोष जतायाः

वहीं इस संबंध में विभिन्न संगठनों ने बाबा रामदेव के बयान की निंदा की हैं। मेघवाल समाज संस्थान के सचिव भोजाराम मेघवाल ने कहा कि बाबा रामदेव ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर इस तरह का बयान जारी किया हैं। वह राजनीति में शब्दों की मर्यादा भुल गए हैं। जो लोग बाबा को सिर पर चढ़ा सकते हैं वह इस तरह की गलत बयानबाजी करने वालो को उनकी सही स्थिति में भी पहुंचा सकते हैं। एनएसयूआई के अध्यक्ष तोगाराम ने कहा कि बाबा रामदेव का यह बयान साफ जाहिर करता हैं कि उनके दिल में दलितों के प्रति कैसे विचार हैं। इस तरह के बाबाओं को माहौल बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार की ओर से त्वरित कार्यवाही नहीं की गई तो दलित समाज उग्र आंदोलन करने से नहीं हिचकेगा।

रविवार, 27 अप्रैल 2014

चरवाहा हत्याकांड : आरोपी बाल अपचारी गिरफ्तार

धरना छठे दिन जारी, तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन 

चरवाहा हत्याकांड : आरोपी बाल अपचारी गिरफ्तार 

समदड़ी. चरवाहा गुलाराम भील हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने, पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता व पुलिस सुरक्षा सहित विभिन्न मांगों को लेकर भील समाज की ओर से समदड़ी थाने के आगे दिया गया धरना शनिवार को छठे दिन भी जारी रहा।
धरना के दौरान गुलाराम भील हत्याकांड संघर्ष समिति की ओर से मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार मोटाराम चौधरी को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में मृतक गुलाराम को शहीद का दर्जा देने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, परिवार को पुलिस सुरक्षा सहित चिरडिय़ा गांव में पुलिस चौकी लगाने की मांग की गई। धरनार्थियों ने चेतावनी देते हुए बताया कि सरकार की ओर से जल्दी ही इन मांगों पर अमल में नहीं किया गया तो समाज की ओर से आंदोलन उग्र किया जाएगा। धरने पर संघर्ष समिति के संयोजक सांवला राम, प्रधान मालाराम भील, राजीव गांधी ब्रिगेड के प्रदेश सचिव हुकम सिंह अजीत, पूर्व विधायक धारा राम फुलवारिया, ब्लॉक कांग्रेस के सचिव जाकिर हुसैन पठान, फूलचंद करमावास, समिति के सह संयोजक केवलराम राखी, उदाराम मेघवाल, सांवल राम माली, बादर राम सुईली, घेवर राम सहित समाज बंधुओं ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर रोष प्रकट किया।
एक बाल अपचारी गिरफ्तार : गुलाराम हत्याकांड में लूणी पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले एक बाल अपचारी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां न्यायाधीश ने आरोपी बाल संरक्षण गृह भेजने के आदेश दिए। पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त किए वाहन को भी बरामद कर लिया है।
भील समाज की बैठक आयोजित
बाड़मेर. गत दिनों समदड़ी में हुई चरवाहे गुलाराम भील की हत्या प्रकरण के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लेकर जिला भील समाज की बैठक आयोजित हुई। जिलाध्यक्ष भूराराम भील ने बताया कि हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ मृतक को शहीद का दर्जा दिया जाए। उसके परिवार को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाए। उसका परिवार बीपीएल श्रेणी का है तथा एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। समय रहते गिरफ्तारी नहीं की गई तो संभाग स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

सोमवार, 14 अप्रैल 2014

जसवंत सिंह की आंधी आने वाली हैं शगुन ऐसे हैं

जसवंत सिंह की आंधी आने वाली हैं शगुन ऐसे हैं
बाड़मेर पूर्व विदेश मंत्री और संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में उनकी पुत्र वधु चित्रा सिंह ने सोमवार को धोरीमना क्षेत्र के दर्जनो गाँवों का दौर कर जसवंत सिंह के लिए समर्थन माँगा। चित्रा सिंह ने सोमवार को उण्डखा ,मीठड़ा ,मांगता ,नेडी नाड़ी ,कोजा ,भारथे की , राणासर ,खारी ,अरणियाली ,सदा बेरी ,में सभाओ को सम्बोधित करते हुए कहा की बाड़मेर की जसवंत सिंह को जो समर्थन दिया उससे साफ़ लगता हैं की जसवंत सिंह के आंधी मतपेटियों में बंद होने वाली हैं ,जनता अपना मानस बना चुकी हैं ,उन्होंने कहा की राज्य सरकार जसवंत सिंह को रोकने के लिए भाजपा के नेताओ और मंत्रियो की फौज बाड़मेर जैसलमेर में तैनात कर दी इसके बावजूद बाड़मेर जैसलमेर की जनता की भावना जसवंत सिंह के प्रति काम नहीं कर पाये ,उन्होंने कहा की वसुंधरा राजे जितना दबाव जसवंत सिंह के समर्थको पर बना रही हैं कार्यकर्ता और दृढ होते जा रहे हैं ,उन्होंने कहा की कार्यकर्ता पार्टी की हैं ,शरीर में से जान निकाल दो क्या बचेगा ,यह स्थति भाजपा की हो गयी हैं ,उन्होंने आह्वान किया की सतरह अप्रैल को टॉर्च बैटरी पर बटन दबा कर जसवंत सिंह को भारी मतों से विजयी बनाये। उण्डखा सभा को सम्बोधित करते हुए कैप्टन हीर सिंह भाटी ने कहा की जसवंत सिंह के प्रति जज्बा पैदा हो गया हैं। जसवंत लहर आंधी में बदल गयी हैं ,गाँव गाँव ढाणी ढाणी जसवंत सिंह को समर्थनमिल रहा हैं। उन्होंने कहा की जसवंत सिंह इस धरा में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने जा रहे हैं। आप लोग मतदान के लिए जरूर जाए। उन्होंने कहा की जातिगत भवन से ऊपर उठकर जसवंत सिंह को विजयी। बने इस अवसर पर रिडमल सिंह दांता ,प्रेम सिंह ,हरी सिंह सहित छत्तीस कौम के लोग उपस्थित थे

चित्रा सिंह ने शहर में माँगा समर्थन
बाड़मेर निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में चित्रा सिंह ने बाड़मेर शहर के दान जी की होदी ,आचार्यो का वास , मंदिर हिंगलाज के पास ,और तन सिंह चौराहा के पास बड़ी सभाओ को सम्बोधित करते हुए जसवंत सिंह के लिए समर्थन माँगा ,चित्रा सिंह ने आम मतदाताओ को भरोसा दिलाया की जसोल परिवार आपकी सेवा में तत्पर रहेगा।

foto..बाड़मेर की जनता का जसवंत को सलाम ,रोड शो में जसवंत सिंह के साथ उमड़ा जान सैलाब











foto..बाड़मेर की जनता का जसवंत को सलाम ,रोड शो में जसवंत सिंह के साथ उमड़ा जान सैलाब

बाड़मेर पूर्व विदेश मंत्री और निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के सोमवार शाम आयोजित रोड शो में उमड़े जन सैलाब ने जसवंत सिंह को सलाम किया। सोमवार शाम पांच बजे जसवंत सिंह ने अम्बेडकर चौराहा पर बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पहार चढ़ा कर श्र्रदांजली अर्पित कर महावीर सर्किल पर रोड शो के लिए पहुंचे। महावीर सर्किल पर जसवंत सिंह के हज़ारो की संख्या में समर्थक पीत पताका लेकर स्वागत के लिए उमड़ पड़े। जसवंत सिंह के समर्थन में रोड शो में बड़ी संख्या में समर्थको के चलते सडको पर पाँव रखने की जगह नहीं बची ,जसवंत सिंह ने महावीर सर्किल से अपना रोड शो बाड़मेर की पावन धरा को नमन कर शुरू किया ,जसवंत सिंह के समर्थक जोश के साथ नारे लगा पीत पताकाए फहरा रहे थे। जसवंत सिंह महावीर सर्किल पर जसवंत सिंह का पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया ,जसवंत सिंह के लिए खास तोर से रथ तैयारकिया गया जिसमे होकर जसवंत सिंह आम जनता का अभिवादन कर वोट की अपील कर रहे थे ,मांगणियार लोक खान के गए लोक गीत जसवंत महिमा ने पुरे वातावरण को जसवंत मय कर दिया । बाड़मेर शहर में पहली बार ऐतिहासिक रोड शो ने विरोधियो के माथे पर चिंता की लकीरे पैदा कर दी। जसवंत सिंह के समर्थन में युवाओ का जोश और उत्साह देखते बनता था। युवा जोशीले नारे लगा रहे थे। जसवंत सिंह का बाड़मेर की जनता ने जगह जगह पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया ,जसवंत के स्वागत में बाड़मेर की जनता हाथो में मालाये लेकर जनता कतार बध खड़ी ,जनता ने जसवंत सिंह का भव्य स्वागत कर समर्थन दिया ,जसवंत सिंह रोड शो में भरी भीड़ देख गदगद हो रहे थे ,ग्रामीण अंचलो से शहरी क्षेत्र लोग हज़ारो की समर्थक उपस्थित थे। जसवंत का रोड शो ढाणी बाज़ार ,पीपली चौक ,लक्ष्मी बाज़ार ,सब्जी मंडी ,गांधी चौक ,अहिंसा चौरहा ,हॉस्पिटल रोड , राय कॉलोनी ,और तन सिंह सर्किल तक चला ,विभिन समाजो और व्यापर वर्ग के संघठनो ने जसवंत सिंह का भव्य स्वागत किया ,

नरेंद्र मोदी के बयान से भाजपा में खलबली ,जसवंत समर्थको में नया जोश

नरेंद्र मोदी के बयान से भाजपा में खलबली ,जसवंत समर्थको में नया जोश


बाड़मेर एक निजी चैनल में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार और लोक प्रिय नरेंद्र मोदी को अब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह के खेल और षड़यंत्र का सारा मामला समझ में आ गया। नरेंद्र मोदी ने जनता की अदालत में स्पष्ट कहा की जसवंत सिंह की टिकट काटने की मैं कैसे जुर्रत कर सकता हूँ ,लाल क्रिंष्ण आडवाणी और जसवंत सिंह की अंगुली पकड़ कर मैंने राजनीती सीखी हैं ,जसवंत मेरे आदर्श हैं ,नरेंद्र मोदी के इस बयान ने भाजपा और वसुंधरा राजे की नींद उड़ा दी ,कल तक मोदी को प्रधानमंत्री बनाने वाले भाजपा कार्यकर्ता मोदी के इस सन्देश को समझ गए ,भाजपा के कांग्रेसी प्रत्यसि का साथ छोड़ जसवंत की राह में लौट आये ,जसवंत मई हुए बाड़मेर जैसलमेर के क्षेत्रो में नरेंद्र मोदी की बालोतरा सभा चर्चा में हैं ,इस सभा में पहली बार नरेंद्र मोदी ने अपने प्रत्यासी के लिए वोट नहीं मांगे। पहली बार नरेंद्र मोदी ने कहा की मुझ पर विशवास हो तो वोट देना नहीं तो मत देना। जब नरेंद्र मोदी को भी पता हैं की उनका प्रत्यासी भरोसे लायक नहीं हैं ,नरेंद्र मोदी जसवंत के गाँव के समीप सभा ले रहे थे मगर उन्होंने जसवंत के शब्द नहीं बोला। उन्होंने अपनी पार्टी के प्रत्यासी का नाम तक नहीं लिया उन्हें वोट देने की अपील करना तो दूर की बात थी। नरेंद्र मोदी की अनुभवी नज़रो ने कांग्रेसी भीड़ और थोड़े बहुत नरेंद्र मोदी भक्तो के बुझे चेहरों का भांप लिया।

शुक्रवार, 11 अप्रैल 2014

जसवंत सिंह ने तोड़ी चुपी कहा अटल जी थे बहुत दुखी ,

कांग्रेस ने वाजपेयी के बहाने नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना पर जसवंत सिंह ने तोड़ी चुपी कहा अटल जी थे बहुत दुखी ,

बाड़मेर अटल जी के इस्तीपे जसवंत सिंह ने कहा ऐसे कई बातो का मै गवाह हु लेकिन इस बात का खुलास करने का यह सही समय नहीं है
चुनावी सरगर्मियों के बीच कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी की सराहना करते हुए सवाल किया कि भाजपा के सबसे दिग्गज नेता गुजरात दंगों के परिप्रेक्ष्य में जिस व्यक्ति को हटाना चाहते थे, वह भाजपा के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कैसे हो सकता है।वाजपेयी ने उस समय मनाली में कहा था कि कुछ लोग उन्हें (मोदी को) हटाना चाहते हैं और मैं भी वही राय रखता हूं। कांग्रेस ने कहा कि जसवंत सिंह ने इसकी पुष्टि की जो राजग सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। सिंह ने कहा था कि वाजपेयी ने यहां तक धमकी दे डाली थी कि भाजपा यदि मोदी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती तो वह इस्तीफा दे देंगे। इस पुरे मामले के आज सामने आने के बाद भाजपा से निष्कासित वरिष्ठ नेता ने जसवंत सिंह ने सनसनी खेज बयान देते हुए इस बात की पुष्टि कर दी है कि अटल जी गुजरात देंगे में मोदी की भूमिका को लेकर से बहुत दुखी थे इस बात का जिक्र अटल जी ने मुझसे कई बार किया था लेकिन उस समय पार्टी का मिजाज कुछ और था जहा तक अटल जी के इस्तीफे की बात है तो ऐसे कई बातो का मै गवाह हु लेकिन इस बात का खुलास करने का यह सही समय नहीं है
बाईट ,… जसवंत सिंह ,भाजपा के वरिष्ठ निष्काषित नेता