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शुक्रवार, 18 अगस्त 2017

बाड़मेर देश की पहली महिला BSF अधिकारी तनुश्री पारीक* लड़कियाँ सनग्लास छोड़ कर धूप में तपकर देश की करे सेवा - तनुश्री*


बाड़मेर देश की पहली महिला BSF अधिकारी तनुश्री पारीक*


लड़कियाँ सनग्लास छोड़ कर धूप में तपकर देश की करे सेवा - तनुश्री*




बाड़मेर राजस्थान की 25 वर्षीय देश की पहली बीएसएफ महिला अधिकारी हैं। उनका चयन यूपीएससी द्वारा साल 2014 में करायी गयी परीक्षा में हुआ था। तनुश्री ने टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड में देश की पहली महिला अधिकारी (असिस्टेंट कमांडेंट) के रूप में हिस्सा लिया और 67 अधिकारियों के दीक्षांत समारोह में परेड का नेतृत्व भी किया और उन्हें इस मौके पर सम्मानित किया गया। तनुश्री ने बीएसएफ अकादमी में अधिकारियों के 40वें बैच में बतौर सहायक कमांटेंड 52 हफ्तों का प्रशिक्षण लिया था। उन्हें पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनाती मिली है।तनुश्री इन दिनों पश्चिमी  राजस्थान की पाकिस्तान से सटे सरहदी इलाके में सीमा सुरक्षा बल और वायुसेना की बीस महिला सैन्य अधिकारियो के साथ कैमल सफारी के जरिये महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सन्देश बाघा बॉर्डर तक देने के मिशन पर हैं ,तनुश्री के पिता पशु चिकित्सक रूप में बाखासर में अपनी सेवाए दे चुके हे इसी स्थान से तनुश्री के नेतृत्व में कैमल सफारी का आगाज़ हुआ 




तनुश्री पारीक राजस्थान में बीकानेर की रहने वाली है और वह बताती हैं कि उन्हें बचपन से भी सेना में जाने की लगन थी। तनुश्री पारीक का कहना है कि उन्‍होंने बीकानेर में करीब से बीएसएफ के कामकाज के तरीके को देखा और उन्होंने नौकरी के लिए नहीं पैशन के लिए बीएसएफ को चुना। साथ ही तनुश्री ने कहा, “मेरा फोर्स में जाना तभी मायने रखेगा, जब दूसरी लड़कियां भी BSF ज्वाइन करना शुरू करेंगी। लड़कियां सूरज से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना छोड़ें, धूप में तपकर खुद को साबित करें। मुझे गर्व है कि मैं देश की पहली महिला कॉम्बैट अॉफिसर हूं।” तनुश्री स्कूल और कॉलेज के दौरान एनसीसी कैडिट रही। तनुश्री आईएएस प्री और आरएएस प्री में सफलता हासिल कर चुकी हैं।




तनुश्री ने बताया कि बीकानेर में बॉर्डर फिल्म की शूटिंग हो रही थी और इस समय तनुश्री स्‍कूल जाने लगी थी। इसमें सेना का अहम रोल था और इसी फिल्‍म से प्रेरणा लेकर उन्‍होंने बीएसएफ में जाकर देश की सेवा करने का बनाया था। उन्होंने कहा कि पापा शूटिंग के फोटो दिखाकर इन्स्पायर करते। बस वहीं से ठान लिया था कि वर्दी वाली सर्विस में ही जाना है। बीकानेर में BSF के कामकाज के तरीके को देखा। तब समझ में आया कि आर्मी की तरह ये ऐसी फोर्स है जो 24 घंटे देश की बॉर्डर को महफूज रखती है।




गौरतलब है कि हाल ही में एयरफोर्स ने फाइटर प्लेन उड़ाने के लिए महिला पायलट को इजाजत दी है, उसी तरह बीएसएफ में भी बॉर्डर पर ऑपरेशनल ड्यूटी के लिए बतौर अफसर महिलाओं को कमान सौंपने का फैसला किया है। सीमा सुरक्षा बल ने साल 2013 में महिला अधिकारियों की नियुक्ति शुरू की थी औऱ इसी कड़ी के तहत तनुश्री पारीक असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर बीएसएफ में चुनी गई हैं।